HEADLINES


More

निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने मैनुअल कम्पोस्ट खाद प्लांट का उद्घाटन रिबन काटकर किया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 12 November 2020 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

       फरीदाबाद, 12 नवंबर। नगर निगम के निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने आज सेक्टर-89 में पीयूष हाईट सोसायटी में मैनुअल कम्पोस्ट खाद प्लांट का उद्घाटन रिबन काटकर किया। इस मौके पर उनके साथ नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त इन्द्रजीत कुलड़ि़या भी मौजूद थे। हयूमन काइंड फाउडेंशन की अध्यक्ष मोनिका शर्मा, आरडब्ल्यू के मैम्बर बिजेन्द्र, वाॅलियंटर रूचिका बोहरा, यामिनी सहित अन्य लोग उपस्थि 


नगर निगम के आयुक्त डा. यश गर्ग ने पीयूष हाईट सोसायटी के बाॅलियन्टर और आरडब्ल्यूए द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की और कहा कि पीयूष हाईट सोसायटी में टोटल 1086 फ्लैट्स है और 650 लोग रह रहे है। सबने मिलकर गीले कूड़े से सोसायटी के अंदर ही कम्पोस्ट खाद बनाने की मैनुअल प्रक्रिया शुरू की है जो कि बहुत ही अच्छी, सस्ती और सरल प्रक्रिया है। इस मैनुअल कम्पोस्ट प्रक्रिया को फरीदाबाद की हर आरडब्ल्यूए संस्था को अपनाना चाहिए।  मैनुअल कम्पोस्ट प्रक्रिया में नगर निगम प्रशासन भी उनकी पूरी तरह से मदद करेगा।

 निगमायुक्त डा. यश गर्ग ने फरीदाबाद के निवासियों से अपील की है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग इकट्ठा करने की योजना चलाई हुई है। समस्त फरीदाबादवासी इस योजना में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें तथा गीले कचरे के लिए हरे रंग का डस्टबिन और सूखे कूड़े के लिए नीले रंग का डस्टबिन का प्रयोग करें। साफ प्लास्टिक, प्लास्टिक कवर, बोतल, बक्सा, वस्तु, चिप्स और चॉकलेट का कवर, रैपर, प्लास्टिक कप, दूध-दही का खाली पैकेट, पेपर, रैपर, मैगजीन, स्टेशनरी, रद्दी मेल, कार्ड बोर्ड, कार्टन या मोटे कागज का डिब्बा, पिज्जा बॉक्स, पेपर कप और प्लेट, टेट्रा पैक, धातु, मेटल, लोहे की पन्नी से बना डब्बा, मेटल का फैन, डिब्बा, रबड़, थर्मोकॉल, पुराना पोछा, गद्दा, सौंदर्य प्रसाधन, लकड़ी, बाल, नारियल का छिलका आदि नीले डस्टबिन में रखे। इसके अलावा वर्मीकंपोस्ट बनाने के लिए हरे डस्टबिन में रखे पदार्थों का उपयोग किया जाएगा जैसे सब्जी, फल के छिलके, पका खाना, बचा हुआ खाना, अंडे का छिलका, मुर्गा, मछली की हड्डियां, सड़े, खराब फल, सब्जियां, टी बैग, कॉफी, पेड़ से झड़ी हुई पत्तियां एवं उसकी टहनियां, फूल और इससे बनी माला, घासफूस, कूड़े वाली घास आदि रखने होंगे। ताकि गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग कर दिया जाए तो गीले कूड़े से खाद बनाई जा सकती है वहीं सूखे कूड़े को रिसाइकिल करके वस्तुएं भी बनाई जा सकती हैं।  हयूमन काइंड फाउडेंशन की अध्यक्ष मोनिका शर्मा ने बताया कि पीयूष हाईटस सोसायटी के हर घर से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग हो रहा है और इनका रोज का जो गीला कूड़ा है वो तकरीबन 500 किलो निकलता है जिससे हाउस कीपिंग स्टाफ द्वारा प्रतिदिन कम्पोस्ट खाद बनाई जाएगी जो यहां के पार्कों और पेड़-पौधों में इस्तेमाल की जाएगी। हाउस कीपिंग स्टाफ का उक्त कार्य में बहुत ही सराहनीय योगदान हो रहा है।


No comments :

Leave a Reply