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ऑनलाइन क्लास देने वाले स्कूल ही वसूलेंगे सिर्फ ट्यूशन फीस

Posted by : pramod goyal on : Friday 30 October 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद।  हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा निदेशक हरियाणा द्वारा 10 अक्टूबर को निकाले गए आदेश की पालना न होने पर चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद ने शुक्रवार को एक आदेश निकाल कर सभी स्कूल प्रबंधकों से कहा है कि वे अभिभावकों से सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर वसूल करें इसके अलावा अन्य कोई फंड ना लें। यह ट्यूशन फीस भी वही स्कूल लें


गे जो अपने विद्यार्थियों को रेगुलर ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं। पत्र में चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा नियमावली की धारा 158 ए के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि इससे पहले चेयरमैन एफएफआरसी ने यह आदेश निकाले थे कि जिन स्कूल प्रबंधकों ने अभिभावकों से बड़ी हुई ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में फीस वसूली है स्कूल प्रबंधक उस वसूली गई फालतू फीस को वापिस करें या आगे की फीस में एडजस्ट करें। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने ना तो फीस वापस की  और ना एडजस्ट। ऐसी हालात में स्कूल प्रबंधक इस आदेश का कितना पालन करेंगे यह देखने की बात है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मॉडर्न डीपीएस, डीपीएस19 व 81, ग्रैंड कोलंबस, मॉडर्न , मानव रचना,एमवीएन आदि स्कूल शुरू से ही शिक्षा विभाग के आदेशों का उल्लंघन करके अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस, कंप्यूटर फीस आदि कई फंडों में तिमाही आधार पर अभिभावकों से फीस वसूल कर रहे हैं जो पेरेंट्स इस मनमानी का विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी गई है । स्कूल संचालक ऐसे अभिभावको को उनके बच्चे का नाम काटने व हरासमेंट करने की धमकी दे रहे हैं। एमडीपीएस डायरेक्टर यू एस वर्मा द्वारा दी गई ऐसी ही एक धमकी वाला ऑडियो वायरल हुआ है। मंच ने इसकी शिकायत पीएमओ, सीएम व चेयरमैन एफएफआरसी से की है लेकिन आज तक चेयरमैन एफएफआरसी ने धमकी के ऑडियो की ना तो कोई जांच की है और ना दोषी स्कूल के खिलाफ कोई भी उचित कार्यवाही की है। इसी के चलते स्कूल वालों के हौसले बुलंद हैं।

मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी ने कहा है 1 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि स्कूल प्रबंधक  पिछले सात महीनों की बैलेंस शीट चार्टेड अकाउंटेंट से वेरिफाई करवाकर दो सप्ताह में सौंपे। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने अभी तक ऑडिटेड बैलेंस शीट जमा नहीं कराई है। 
 मंच का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल संचालकों के दबाव में हैं। मंच व अभिभावकों की शिकायत पर सिर्फ कागजी कार्रवाई की जा रही है। स्कूलों की मनमानी के सबूत देने के बावजूद उनके खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडलायुक्त फरीदाबाद संजय जून को पत्र लिखकर मांग की है कि ऑनलाइन क्लास देने वाले जिन प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट, एनुअल चार्ज व अन्य फंडों में फीस वसूल ली है उसे आगे के महीनों की फीस में एडजस्ट कराया जाए और जिन स्कूल वालों ने ऑनलाइन पढ़ाई ना कराने के बावजूद अभिभावकों से फीस वसूल ली है उसे वापस कराया जाए।

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