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एस्लान कालेज व वाईएमसीए युनिवर्सिटी के बीच रिजल्ट को लेकर चल रहा टकराव मूलचंद शर्मा के दरबार में पहुंच गया

Posted by : pramod goyal on : Saturday 3 October 2020 0 comments
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 फरीदाबाद,3 अक्टूबर। एस्लान कालेज व वाईएमसीए युनिवर्सिटी के बीच रिजल्ट को लेकर चल रहा टकराव शनिवार को कैबिनेट मंत्री पं.मूलचंद शर्मा के दरबार में पहुंच गया । दर्जनों छात्रों व पैरेंट्स ने शनिवार को हरियाणा अभिभावक एकता मंच के संरक्षक सुभाष लांबा, महासचिव कैलाश शर्मा व जिला अध्यक्ष शिव कुमार जोशी के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री से मुलाकात की। पैरेंट्स ने मंत्री को बताया की माननीय हाईकोर्ट द्वारा 28 सितंबर को दिए स्पष्ट आदेशों के बावजूद वाईएमसीए युनिवर्सिटी प्रशासन एस्लान कालेज के शैक्षणिक सत्र 2019-20 में दाखिल अंडर ग्रेजुएट के छात्रों के फस्ट सेमेस्टर


का रिजल्ट घोषित नही किया है। जबकि तीसरे सेमेस्टर के एग्जाम होने वाले हैं। ट्रांसपोर्ट मंत्री ने डीसी को वाईएमसीए युनिवर्सिटी प्रशासन व एस्लान मैनेजमेंट को आमने-सामने बैठाकर अति संवेदनशील लंबित मसले का समाधान करने के आदेश दिए। मंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि इस मामले में जिस भी पक्ष की गलती होगी,उसको बख्शा नही जाएगा। उन्होंने पैरेंट्स को भरोसा दिया कि छात्रों के भविष्य से किसी को भी खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी और मसलें का शीध्र समाधान किया जाएगा। हरियाणा अभिभावक एकता मंच के संरक्षक सुभाष लांबा, महासचिव कैलाश शर्मा व जिला प्रधान शिव कुमार जोशी एडवोकेट ने दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर दस दिन के अंदर मामले का समाधान नहीं किया गया तो मंच पैरेंट्स को साथ लेकर वाईएमसीए के गैर जिम्मेदार एवं तानाशाह प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी युनिवर्सिटी की होगी।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच के संरक्षक सुभाष लांबा व महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया की शैक्षणिक सत्र 2019-20 शुरू होने से पहले हरियाणा डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा मांगी गई जानकारी के जबाव में वाईएमसीए ने 15 मई,2020 को बताया था कि एस्लान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कालेज वाईएमसीए युनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है। जिसके कारण डीईटी ने एस्लान कालेज सहित सभी युनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजेज की को पोर्टल पर सूचीबद्ध किया। इसको देखकर ही तीन सौ से ज्यादा छात्रों ने कालेज में अंडर ग्रेजुएट में दाखिला ले लिया। उन्होंने बताया कि अचानक वाईएमसीए ने कालेज द्वारा वार्षिक निरीक्षण न करवाने का आरोप लगाकर 17 अक्टूबर,2020 को एफिलिएशन वापस ले ली। पैरेंट्स को मालूम पड़ा की वाईएमसीए ने कालेज के समय पर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत भी 2019-20 में कालेज में दाखिल हुए छात्रों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया। कालेज ने एफिलिएशन वापस लेने के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में स्टे करवा दिया। जिसकी बोखलाहट में युनिवर्सिटी ने फस्ट सेमेस्टर की परीक्षा लेने से ही मना कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहले सेमेस्टर की परीक्षा ली गई। उसके बाद युनिवर्सिटी ने रिजल्ट घोषित नही किया। कालेज इसको लेकर हाईकोर्ट में फिर गया और 28 सितंबर को हाईकोर्ट ने युनिवर्सिटी की मंशा पर सख्त टिप्पणी करते हुए तूरंत फस्ट सेमेस्टर का परिणाम घोषित करने के आदेश दिए। इसके बावजूद युनिवर्सिटी परिणाम घोषित नही कर रहा है। जबकि तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होने वाली है। वाईएमसीए व कालेज के बीच चल रही मूंछों की लड़ाई में तीन सौ से ज्यादा अंडर ग्रेजुएट के छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। 

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