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पीपीई किट सप्लाई करने में गड़बड़ी सामने आई

Posted by : pramod goyal on : Thursday 17 September 2020 0 comments
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 चंडीगढ़। हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन लि. (एचएमएससीएल) को पीपीई किट सप्लाई करने में गड़बड़ी सामने आई है। नोएडा की फर्म ऑर्चिड कॉर्पोरेट सर्विस इंडिया प्रा. लि. को 30 हजार किट 1200 रु. प्रति पीस के हिसाब से सरकार को सप्लाई करने का टेंडर मिला था। डिस्ट्रीब्यूटर ने सैंपल के तौर पर अम्बाला कैंट की माइक्रो टेक्निक फर्म में बनी पीपीई किट पास कराई।


कंपनी ने अम्बाला की फर्म के साथ 775 रुपए प्रति पीपीई किट के हिसाब से 30 हजार किट तैयार कराने का सौदा किया था।

कंपनी ने अम्बाला की फर्म से 4,800 किट ही ली, बाकी किटें दूसरी फर्मों की सप्लाई कर दी गईं। यह गड़बड़ी सामने आने के बाद जहां एचएमएससीएल ने किटों को रिजेक्ट करते हुए डिस्ट्रीब्यूटर को एक माह के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया। वहीं, अम्बाला की फर्म के संचालक विकास जैन ने ऑर्चिड कॉर्पोरेट के डायरेक्टर नवीन चौहान व सुरेश गुप्ता के अलावा विजय शर्मा, दानिश शर्मा पर महेशनगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। डिस्ट्रीब्यूटर दिल्ली व नोएडा में कंस्ट्रक्शन वर्क करती है।

एचएमएससीएल ने मार्च में 8.80 लाख पीपीटी किट खरीदने के टेंडर निकाले थे। 4 अप्रैल को ऑर्चिड कॉर्पोरेट को टेंडर अलॉट हुआ। डिस्ट्रीब्यूटर ने टेक्निकल बिड में अम्बाला की फर्म का सैंपल रखा था, जो सर्टिफाइड हो गया। माइक्रो टेक्निक फर्म के संचालक विकास जैन ने शिकायत में कहा, ‘ऑर्चिड कंपनी ने हमें 30 हजार किट (गलब्ज, एन-95 मास्क, शूज कवर, चश्मे) तैयार करने का ऑर्डर दिया। हमने 18 अप्रैल को 4800 किट की सप्लाई एचएमएससीएल के करनाल स्थित वेयरहाउस में कर दी। डिस्ट्रीब्यूटर ने करीब 35 लाख रु. का भुगतान किया।

उसके बाद आगे कोई भुगतान नहीं किया। इसी बीच हमें एचएमएससीएल की तरफ से लेटर मिला, जिसमें लिखा था कि क्वालिटी इश्यू के चलते सरकार ने हमारे द्वारा तैयार 30 हजार पीपीटी किट की खेप को रिजेक्ट कर दिया है। हमने दस्तावेजों के साथ सरकार को स्पष्ट किया कि हमारी तरफ से तो 4,800 किट ही सप्लाई हुई हैं। तब जाकर खुलासा हुआ कि डिस्ट्रीब्यूटर ने दूसरी जगहों से सब स्टैंडर्ड पीपीई किट लेकर सप्लाई कर दी थीं।’


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