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सरकार कोरोना की आड़ में जनता के खून-पसीने से खड़े किए गए सरकारी विभागों एवं उपक्रमों को बेच रही है - सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 16 September 2020 0 comments
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  फरीदाबाद,16 सितंबर। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आरोप लगाया कि सरकार कोरोना की आड़ में जनता के खून-पसीने से खड़े किए गए सरकारी विभागों एवं उपक्रमों को बेच रही है। बिना तैयारी और विशेषज्ञों से सलाह लिए बिना लागू की गई तालाबंदी से बेरोजगारी व कोरोना बेकाबू हो गया है और जीडीपी माइनस 24 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने यह आरोप बुधवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए लगाए। कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया की केन्द्र एवं राज्य सरकार की जनविरोधी और कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के कर्मचारी 29 सितंबर को सड़कों पर उतरेंगे और सभी विभागों एवं जिला मुख्यालयों पर आक्रोश प्रदर्शन करेंगे। मीटिंग की अध्यक्षता कोषाध्यक्ष युद्ववीर सिंह खत्री ने की और संचालन सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर ने किया। बैठक में 29 सितंबर को होने वाले प्रर्दशन की मांग एवं मुद्दों को आम कर्मचारी तक पहुंचाने के लिए 17 से 28 सितंबर तक सभी विभागों में जन संपर्क अभियान चलाया जाएगा


और सरकार की नीतियों को पोल खोलने के लिए हैड बिल का वितरण भी करने का भी निर्णय किया गया। बैठक में 23 सितंबर को बर्खास्त पीटीआई द्वारा कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के आवास पर होने वाले प्रर्दशन व 22 सितंबर को निजीकरण के खिलाफ निगम के चेयरमैन के कैथल आवास पर हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रर्दशन का भी समर्थन करने का फैसला किया गया। 27 सितंबर को पं. मूलचंद शर्मा के आवास पर आरटीआई के ठेका कर्मचारियों के सामूहिक प्रतिनिधिमंडल के आगमन का भी स्वागत करने का निर्णय बैठक में लिया गया।

जिला कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि 29 सितंबर के आक्रोश प्रदर्शनों में
सभी सरकारी विभागों एवं उपक्रमों, श्रम कानूनों, जनतांत्रिक अधिकारों, संवैधानिक संस्थाओं व रोजगार को बचाने, भ्रष्टाचार की जननी एंव शोषण की पोषक ठेका प्रथा को समाप्त करवाने,ठेका कर्मचारियों को सीधा विभागों के पे रोल पर लेने,समान काम समान वेतन एवं सभी ठेका कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा देने और एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने, 1983 पीटीआई सहित अन्य विभागों से बर्खास्त किए सभी कर्मचारियों की सेवाएं बहाल करने,डीए, एलटीसी व नई भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने,आन लाइन ट्रांसफर नीति पर रोक लगाने,जन स्वास्थ्य विभाग के नलकूपों को पंचायतों के हवाले करने के निर्णय पर रोक लगाने ,55 साल की आयु या 30 साल की सेवा पर जबरी रिटायर करने के फैसले को रद्द करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एसटीएफआई द्वारा दिए सुझाव अनुसार संशोधन करने,वास्तविक खर्च पर आधारित कैशलेस मेडिकल सुविधा देने, एक्स - ग्रेसिया रोजगार पॉलसी में लगाई गई शर्तो हटाने, नीति बन्द के समय के मृतक कर्मियों के आश्रितों को भी इस सुविधा का लाभ देने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

कार्यकारिणी की बैठक में अन्य के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं विभागीय यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी राजबेल देसवाल,टीका राम शर्मा, सुभाष देसवाल, रमेश तेवतिया,करतार सिंह, गांधी सहरावत, मास्टर भीम सिंह, बीरेंद्र शर्मा, मदन लाल शर्मा, रधबीर चौटाला, सोनू सोया,नीरज ढकोलिया व कल्लू राम आदि मौजूद थे।

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