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फरीदाबाद,1 सितंबर। जिसका सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा पुरजोर समर्थन करेगा। उन्होंने यह ऐलान मंगलवार को डीसी आफिस पर बर्खास्त पीटीआई के धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किया । उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाली का सरकार रास्ता नही निकालेगी,प्रदेश में आंदोलन जारी रहेगा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पीटीआई चयन के लिए 23 अगस्त को आयोजित परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा के रद्द करने की मांग की है। उन्होंने पेपर लीक हुए मामले की माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि उक्त मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में परीक्षार्थी व बर्खास्त पीटीआई 3 सितंबर को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पंचकूला स्थित मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि शारीरीक शिक्षक संघर्ष समिति के बेनर तले बर्खास्त पीटीआई नौकरी बहाली और परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर 8 सितंबर को सीएम सिटी करनाल में परिवारों सहित प्रर्दशन करेंगे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पीटीआई चयन के लिए 23 अगस्त को आयोजित परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा के रद्द करने की मांग की है। उन्होंने पेपर लीक हुए मामले की माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि उक्त मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में परीक्षार्थी व बर्खास्त पीटीआई 3 सितंबर को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पंचकूला स्थित मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि शारीरीक शिक्षक संघर्ष समिति के बेनर तले बर्खास्त पीटीआई नौकरी बहाली और परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर 8 सितंबर को सीएम सिटी करनाल में परिवारों सहित प्रर्दशन करेंगे।
उन्होंने कहा कि हिसार में मंदीप नाम का व्यक्ति पीटीआई भर्ती की परीक्षा में आए पेपर की आंसर-की सहित पकड़ा गया है। पुलिस जांच में उसके कबूल किया कि 8-8 लाख में आंसर-की देने का सौदा हुआ था। मामले में आधा दर्जन से ज्यादा की गिरफ्तारी भी हुई है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने के बाद ही आंसर-की तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों को आशंका है कि सभी जिलों में ऐसा हुआ होगा। इसलिए सरकार को मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराके सच्चाई सामने लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आयोग के चेयरमैन जांच किए बिना ही कह रहे हैं कि मामला पेपर लीक का नही है,यह नकल का मामला है। जबकि सच्चाई यह है कि पेपर लीक होने के बाद ही आंसर-की तैयार हो सकती है। सरकार लीपापोती में लगी हुई है।
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