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फरीदाबाद।
अब बिना करोना के लक्षण और डॉक्टर की सलाह के बिना अपने निजी कारणों के चलते प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 टेस्ट करवाने के लिए अब तीन तरह के टेस्ट के लिए निर्धारित फीस अदा करनी पड़ेगी । इस बाबत पिछली 18 सितंबर को सरकार की तरफ से 'डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस' ने एक पत्र जारी करके प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को आदेश दिए हैं । हालांकि मेडिकल कारणों के चलते डॉक्टर द्वारा किसी भी लिखित टेस्ट के लिए कोई पैसा वसूल नहीं किया जाएगा । इस आदेश के बारे में फरीदाबाद के सिविल सर्जन डॉक्टर रणदीप सिंह पूनिया ने बाकायदा इसकी पुष्टि की है ।
दिखाई दे रहा यह दृश्य फरीदाबाद के सिविल अस्पताल का है जहां कोविड-19 सेंटर पर भारी संख्या में लोग अपना करोना टेस्ट करवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं । दरअसल इन लोगों में सभी इस बीमारी के लक्षणों से पीड़ित नहीं है बल्कि ऐसे लोग भी शामिल हैं जो डॉक्टर की सलाह के बिना निजी कारणों से अपना टेस्ट करवाने आए हैं । क्योंकि इन लोगों को या तो दूसरे राज्यों या विदेश में ट्रैवलिंग करनी है या फिर अपने ऑफिस या संस्थान में ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कोविड-19 नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट की दरकार है ।
फरीदाबाद के सिविल सर्जन डॉक्टर रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि सरकार की तरफ से 'डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस' ने एक पत्र जारी करके प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को आदेश दिए हैं कि अब बिना करोना के लक्षण और बिना डॉक्टर की सलाह के अपने निजी कारणों के चलते सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के टेस्ट करवाने वालों से सरकार द्वारा निर्धारित फीस अदा करनी होगी जोकि प्राइवेट लैब के मुकाबले बहुत कम है । कोविड-19 के तीन तरह के टेस्ट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि " आरटी पीसीआर टेस्टिंग" की फीस 16 सौ रुपए होगी वही "रैपिड एंटीजन टेस्टिंग" के लिए 650 रुपए देने होंगे । इसी इसी तरह "आईजीजी एंटीबाडी टेस्टी्टि्टिगनन" के लिए 250 रुपए अदा करने होंगे ।
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