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फरीदाबाद 13 अगस्त भारी बारिश के बावजूद आशा वर्करों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। ज्ञातव्य है कि आशा वर्कर अपनी लंबित मांगों की प्राप्ति के लिए 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं। लेकिन डायरेक्टर हेल्थ मिशन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशाओं की मांगों को लागू करना तो दूर की बात है। यूनियन को बातचीत के लिए भी समय नहीं दे रहे हैं। सरकार की इस हठधर्मिता को देखते हुए यूनियन ने हड़ताल को 4 दिन और बढ़ा दिया है। हड़ताल में आंदोलन
का स्वरूप निर्धारित करने के लिए आगामी 16 अगस्त को राज्य कमेटी की बैठक रोहतक में बुलाई गई है। यह जानकारी यूनियन की वित्त सचिव सुधा पाल ने दी। स्थानीय बादशाह खान अस्पताल के प्रांगण में आज वीरवार को हुई हड़ताली आशा वर्करों की सभा की अध्यक्षता जिला प्रधान हेमलता ने की जबकि संचालन नीलम जोशी ने किया । इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर और जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डगवाल विशेष रुप से उपस्थित रहे। आशाओं को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डगवाल ने राज्य सरकार पर आशा वर्करों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की बीमारी मैं सबसे अधिक काम करने वाली आशा वर्करों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन राशियों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशा वर्करों को सर्वे के दौरान स्वयं की रक्षा के लिए पीपीई किट, सैनिटाइजर, दस्ताने और मास्क तक नहीं देते हैं। जबकि प्रत्येक कॉलोनी, गली, मोहल्ले और सेक्टरों में बीमारी से ग्रसित आम लोगों की सर्वे रिपोर्ट लाने के लिए इन पर दबाव बनाया जाता है। डंगवाल ने बताया कि अभी तक इनको इनके द्वारा किए गए कार्यों के एवज में मिलने वाली राशियों का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक आठ एक्टिविटी की बकाया राशि का 50% धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है इसके अलावा कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर चार हजार रुपए दिए जाएं। अभी तक कोविड-19 के लिए दिए जा रहे एक हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि की 50% प्रतिशत राशि भी नहीं दी गई है
यदि कोई आशा वर्कर गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार हुई तो उसका सरकार के पैनल के अस्पतालों में इलाज होना था। इस पर भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है
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