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स्कूलों की आमदनी और खर्चे का ब्यौरा ना देने पर मंच ने दायर की प्रथम अपील

Posted by : pramod goyal on : Monday 17 August 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने सीबीएसई में आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के प्राइवेट स्कूलों द्वारा जनवरी 2020 से लेकर जून 2020 तक अभिभावकों से हर प्रकार से वसूली गई  फीस, स्कूल की अन्य आमदनी, स्कूल के पास मौजूद रिजर्व व सरप्लस फंड की तथा अध्यापकों को दी गई तनख्वाह व अन्य मदों में किए गए खर्च के ब्योरे की जानकारी मांगी थी। निर्धारित समय पर जानकारी न मिलने पर मंच ने अब सीबीएसई के प्रथम अपील अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर की है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि प्रथम अपील के बाद भी अगर मांगी गई जानकारी ठीक प्रकार से नहीं दी गई तो केंद्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली में द्वितीय अपील दायर की जाएगी। कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच की ओ
र से उन्होंने 24 जून को सीबीएसई कार्यालय प्रीत विहार दिल्ली में आरटीआई लगाकर 4 पॉइंट्स में उपरोक्त जानकारी मांगी गई थी। निर्धारित अवधि 24 जुलाई तक जन सूचना अधिकारी ने मांगी गई जानकारी प्रदान नहीं की। तब नियमानुसार उन्होंने 4अगस्त को सीबीएसई के प्रथम अपील अधिकारी के पास प्रथम अपील दायर करके सूचना दिलाने का अनुरोध किया है। मंच का कहना है कि सीबीएसई जानबूझकर प्राइवेट स्कूलों से संबंधित मांगी गई जानकारी प्रदान नहीं करता है इससे पहले भी केंद्रीय सूचना आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही सीबीएसई ने दो आरटीआई  में मांगी गई जानकारी प्रदान की थी। मंच शीघ्र ही हरियाणा बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों के बारे में भी इस प्रकार की जानकारी शिक्षा निदेशक पंचकूला से प्राप्त करेगा। मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मंच की ओर से सीबीएसई से यह जानकारी इसलिए मांगी गई है कि प्राइवेट स्कूलों के पास काफी पैसा होने के बावजूद वे अपने अध्यापकों व स्टाफ को तनख्वाह नहीं दे रहे हैं और वे सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि वे घाटे में हैं। सच्चाई जानने के लिए ही यह आरटीआई लगाई गई है। कई अध्यापकों ने मंच को जानकारी दी है कि उन्हें पिछले तीन, चार महीने से कोई तनख्वाह नहीं मिली है। तनखा मांगने पर परेशान किया जा रहा है यहां तक कि कई अध्यापकों को निकाल भी दिया गया है। आगे रोजगार न मिलने की मजबूरी से अध्यापक मजबूर होकर स्कूल प्रबंधकों के शोषण को सहन कर रहे हैं जब कि वे ऑनलाइन पढ़ाई करा कर पहले से ज्यादा समय दे रहे हैं। मंच ने अब उनकी मदद करने का बीड़ा उठाया है।

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