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सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की जांच करेंगे एनफोर्समेंट और इंकम टैक्स विभाग

Posted by : pramod goyal on : Sunday 19 July 2020 0 comments
pramod goyal
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नई दिल्ली : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के प्लॉट की खरीद के माध्यम से की गई मनी लॉडिं्रग की शिकायत की जांच अब डायरेक्टर एनफोर्समेंट और इनकम टैक्स विभाग करेंगे। पंजाब नैशनल बैंक द्वारा संचालित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैं
क में हुई इस बड़ी गड़बड़ी की शिकायत बैंक यूनियन से जुड़े मुकेश जोशी ने की है। श्री जोशी का आरोप है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के प्लॉट के लिए लोग फॉर्म भरते हैं तो उसके साथ 10 फ़ीसदी राशि का एक ड्राफ्ट लगाना होता है। बैंक लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराता है कि वह यह 10 फ़ीसदी राशि का ड्राफ्ट लगाने की बजाय 6 माह का ब्याज लेकर उन लोगों की ओर से यह पैसा हुडा या हाउसिंग बोर्ड को जमा करा देता है।
क्या था तरीका
हम आप को लिए चलते हैं साल 2013 में। हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) और हरियाणा हाउसिंग बोर्ड ने प्लॉट/ मकान के इच्छुक खरीदारों से आवेदन मांगे थे और जैसे की होता है प्लॉट/फ्लैट की कीमत की कुल जमा 10 फ़ीसदी राशि आवेदन पत्र के साथ जमा कराकर इन प्लॉटों/फ्लैटों के ड्रॉ में शामिल हुआ जा सकता था। यह दस फीसदी राशि भी लाखों रुपए में होती है। और 5-6 महीने बिना ब्याज के हुडा/ हाउसिंग बोर्ड के पास फंसी रहती है। इस लिए बहुत बार इच्छुक लोग भी इस ड्रॉ में हिस्सा नहीं लेते।
इसका तोड़ निकाला सरकार ने बैंकों के साथ मिलकर। बैंकों ने पब्लिक से कहा कि आप अपना फार्म भर कर आइए यह राशि हम आप को लोन दे देंगे। और आप की ओर से यह पैसा हम हुडा या हाउसिंग बोर्ड को जमा करेंगे। बदले में आप से लेंगे सिर्फ उस 10 फीसदी राशि का उतने पीरियड का ब्याज, जितने पीरियड में यह ड्रॉ निकलेगा। अगर ड्रा में आप का नाम नहीं निकला तो आप को कोई भी पैसा वापस नहीं होगा। हम यह लोन राशि हुडा या हाउसिंग बोर्ड से अपने आप ले लेंगे।
यहीं से शुरू हुआ मनी लॉन्ड्रिंग का खेल
20 जून 2013 को 1,33,00,000/- रुपए इस योजना के तहत झज्जर की भाखडी ब्रांच ( ब्रांच कोड 8038) में कैश जमा हुए। जबकि 50 हजार से ज्यादा रुपया बिना पेन नंबर और अकाउंट के खाते में जमा ही नहीं हो सकता था। एक करोड़ 33 लाख रुपए से लगभग 1000 फार्म भरे गए और 20 करोड़ के करीब ऋण दिया गया।यह तो एक उदाहरण के तौर पर बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक यहां पर अरबों रुपए के काले धन को वैध बनाया गया। इस मामले में मुकेश जोशी ने द डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन नई दिल्ली को शिकायत की थी। विभाग ने इस कार्य शिकायत को आगे की कार्रवाई के लिए डायरेक्टर ऑफ इंफोर्समेंट न्यू दिल्ली और द डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन चंडीगढ़ को भेज दिया है।

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