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भारतीय रेलवे के निजी करण के विरोध में प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 16 July 2020 0 comments
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फरीदाबाद 16 जुलाई  भारतीय रेलवे  के निजी करण के विरोध में आज  वीरवार को सी आई टी यू जिला कमेटी फरीदाबाद ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के सामने संपन्न हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सीटू  के जिला प्रधान निरंतर परा
शर ने  की। जबकि कार्रवाई का संचालन सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। अपने संबोधन में वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने केंद्र सरकार पर भारतीय रेलवे को निजी कंपनियों के हवाले करने का आरोप लगाया   उन्होंने कहा कि अब भारतीय रेलवे की खरबों रुपए की संपत्ति ओने पौने दामों में निजी कंपनियों के हवाले की जा रही है। सरकार देश के 109 रूटों पर 139 रेलों को चलाने के लिए निजी कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित कर रही है।  इसके कारण रेलवे में रोजगार के अवसर बंद कर दिए गए हैं। सरकार की नीतियों के कारण लाखों युवाओं के सपने चकनाचूर हो गए। डंगवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने भारत की रेलवे के संचालन का कार्य निजी कंपनियों को सौंप दिया है। जो कर्मचारी रेल संचालन से जुड़े नहीं होते हैं। उनकी नौकरियों पर रोक लगा दी है    साथ ही पिछले 2 साल में कर्मचारियों के सेवानिवृत्त के कारण जो पद खाली हुए थे  उनमें 50% पदों की समाप्ति की रणनीति बनाई गई है। कोरोना महामारी के कारण हो रहे घाटे की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने कई नुकसानदायक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस तरह से डेढ़ साल तक महंगाई भत्ता बंद कर दिया गया। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले एलाउंस, किलोमीटर माइलेज, ओवरटाइम, एडीएल, नाइट ड्यूटी एलाउंस, को बंद करने की योजना बनाई है। इसके अलावा नान सेफ्टी कैटेगरी में अग्रिम आदेशों तक नई भर्ती पर रोक लगा दी गई है। जैसे कि रेलवे में हर वर्ष 20 हजार  कर्मचारीयों की भर्ती नॉन सेफ्टी कैटेगरी में होती रहती थी।  अब इस तरह के पदो को खाली रखने का निर्णय लिया गया है। एक तरफ से सेवानिवृत्त कर्मचारी के खाली पदों में से 50  प्रतिशत पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया जा रहाह है। इनमें वाणिज्य विभाग में बुकिंग क्लर्क, आरक्षण, ब्रांच के कर्मचारी टिकट चेकिंग के क्लर्क, के अलावा इंजीनियरिंग कार्मिक, इलेक्ट्रिकल यांत्रिक लेखा विभागों के कर्मचारी के पद शामिल हैं।डंगवाल ने बताया कि इसी तरह से रेलवे स्टेशन के रखरखाव का कार्य भी निजी ठेकेदारों के हवाले किया जा रहा है सरकार का तर्क है कि रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। विश्व स्तर के स्टेशन बनाने के नाम पर ठेकेदारी प्रथा को लागू किया जा रहा है।इस अवसर पर रोडवेज के केंद्रीय कमेटी के नेता रामआसरे यादव  ने  रेलवे के निजीकरण को जनहित में नहीं बताते हुए सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। इस सभा को संबोधित करते हुए शहरी विकास प्राधिकरण की जन स्वास्थ्य कर्मचारी यूनियन 1266 के   सेक्रेटरी धर्मवीर वैष्णव ने बताया कि रेलवे का निजी करण से आम जनता को महंगी दरों पर रेल की यात्राएं करनी पड़ेगी। क्योंकि निजी करण मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है। ,ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के राज्य प्रधान देवी राम, जिला प्रधान दिनेश पाली, ने भी निजीकरण को नुकसानदायक बताया। सभा को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव लालबाबू शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की विनाशकारी नीति के खिलाफ आगामी 9 अगस्त को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। आज की सभा को हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के जिला प्रधान अतर सिंह जिला सेक्रेटरी गांधी सहरावत, मिड डे मील वर्कर की जिला प्रधान कमलेश चौधरी, हुडा सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान मनोज कुमार, सीटू के जिला उपाध्यक्ष विजय झा, ज्वाइंट सेक्रेट्री वीरेंद्र पाल, के अलावा दीपक झा ने भी संबोधित किया।

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