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युवा अवस्था की उम्र में सोच विचार कम, जोश ज्यादा : ओ पी सिंह, पुलिस आयुक्त

Posted by : pramod goyal on : Saturday 25 July 2020 0 comments
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फरीदाबाद : पुलिस कमिश्नर श्री ओ पी सिंह ने कोविड-19 महामारी में युवाओं को सफलता के गुर बताए और डिप्रेशन से निबटने के तरीके बताए। श्री सिंह ने शहर के 5 स्कूलों के 10 बच्चों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कोरोना काल में बच्चों को आने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान क बारे में विस्तृत चर्चा की। श्री सिंह ने बच्चों के साथ हुई वार्ता को पॉजिटिव बताया और कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जिस प्रकार से युवाओं ने अ
पने आपको ढाला है, वह काबिले तारीफ। कुछ बच्चों ने इसको सकारात्मक तरीके से प्रयोग किया और कमाई के अलग-अलग तरीके भी विकसित किए। बच्चों के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने मां-बाप के प्रति जिस प्रकार से उन्होंने चिंता जताई, उससे बच्चों की गंभीरता का पता चला। उन्होंने बच्चों को संदेश दिया कि जिन विषयों में उनकी पकड़ है और दिलचस्पी है, उस विषय पर मेहनत करें और सफतला प्राप्त करने का प्रयास करें। बहुत ज्यादा तनाव न लें, जो आपको समझ सके, उससे बात करें, अपना समय किसी अच्छे कार्य में लगाएं और अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहें। कार्यशाला के दौरान पुलिस कमिश्नर ने युवाओं को ‘साइंस ऑफ हैप्पीनस’ एक कार्यक्रम देखने को कहा, जिसमें बताया जाता है कि किस प्रकार खुश रहा जा सकता है। पुलिस कमिश्नर ने बच्चों को मोटिवेट करते हुए कहा कि चुनौतियों का मुकाबला करते समय भाव अलग होते हंै और जब आप जीतते हैं तो अलग खुशी होती है, इसलिए कोशिश करें खुश रहने की। अपने दिमाग की बनावट को समझें, नैगेटिविटी को अपने ऊपर हावी न होने दें। जल्दी उठें और दैनिक लक्ष्य पूरा करें, मूर्ख व्यक्तियों से दूर रहें। 
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों की स्पोर्टस एक्टीविटी के लिए ‘वर्चुअल रनिंग क्लब’ चलाया जाएगा, जिसमें रजिस्ट्रेशन करके कोई भी दौड़ेगा, तो उसकी टाइमिंग आ जाएगी और उनको प्रोत्साहित किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि युवावस्था बहुत नाजुक होती है, इस उम्र में युवाओं को सही रास्ता दिखाया जाना जरूरी है। इससे उनको गलत दिशा में भटकने से बचाया जा सकता है। युवाओं से हुए संवाद को पॉजिटिव बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि आजकल के युवाओं की सोच बेहद वृहद एवं विस्तृत और वो अपनी समस्याओं को कहने से नहीं हिचकते। इसलिए बच्चों को अच्छी आदतें सिखाएं, वही उन्हें अच्छा नागरिक बनाती हैं। वार्ता के इस सैशन को लेकर श्री सिंह ने कहा कि इससे सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान हुआ। युवाओं ने अपनी काफी समस्याओं से भी अवगत कराया जैसे मित्रों के साथ खेलना नहीं हो रहा, शारीरिक गतिविधियां नहीं हो रही, सामाजिक इंट्रेक्शन न होना, जूम ऐप का ऑपरेशन ठीक नहीं, ऑनलाइन कक्षाओं से नोट्स बनाने व जमा कराने में परेशानी, प्रैक्टिकल न होना, सिर्फ थ्योरी पर कार्य होना, फीस जमा कराने को लेकर टैंशन इत्यादि। 

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