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उच्चतर शिक्षा में आ रहे डिजिटल परिवर्तन के लिए होना होगा तैयारः प्रो. दिनेश कुमार

Posted by : pramod goyal on : Thursday 11 June 2020 0 comments
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फरीदाबाद, 11 जून - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद द्वारा ‘कोविड-19 महामारी और उससे उपरांत उच्चतर शिक्षा संस्थानों में नई सामान्य परिस्थितियां’ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी में आयोजित दो सत्रों में भविष्य का अध्ययन-अध्यापन तथा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की गई।
संगोष्ठी की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अध्यक्षीय संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने सभी विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और उच्चतर शिक्षा संस्थानों में महामारी से संबंधित मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की। संगोष्ठी के पहले सत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू मुख्य अतिथि रहे और दूसरे सत्र में एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. उदय कुमार मुख्य अतिथि रहे। संगोष्ठी में लंदन विश्वविद्यालय, लंदन से डॉ. लिंडा एमरेन-कूपर तथा रोमानिया की ऑरेल व्लाइकू युनिवर्सिटी से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डाना राड आमंत्रित वक्ताओं के रूप में आमंत्रित किया गया था।
डीन (क्वालिटी) और प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. संदीप ग्रोवर ने बताया कि संगोष्ठी में देश के 16 अलग-अलग राज्यों के अलावा विदेशों से जर्मनी, नीदरलैंड, मलेशिया और थाईलैंड से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में लगभग 900 प्रतिभागियों आनलाइन प्लेटफार्म तथा यूट्यूब लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से संगोष्ठी से जुड़े।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति ने प्रो. दिनेश कुमार ने कोरोना महामारी के दौरान बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी कार्याें से जुड़े तकनीकीविद्ों की भूमिका की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने मौजूदा परिदृश्य में शिक्षकों और विद्यार्थियों के समक्ष पेश आ रही प्रमुख चुनौतियों की पहचान करने और इन चुनौतियों का समाधान प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। कुलपति ने प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण-अध्ययन प्रणाली के लिए मजबूत बुनियादी संरचना विकसित करने पर बल दिया तथा कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यार्थी और शिक्षक उच्चतर शिक्षा में आ रहे डिजिटल परिवर्तन के लिए पूरी तरह से तैयार हो। साथ ही, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा की पहुंच शत-प्रतिशत विद्यार्थियों तक हो और एक भी विद्यार्थी संसाधनों के आभाव में पीछे न रहे। इसके अलावा, उन्होंने ऑनलाइन मोड का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण देने के तौर-तरीके खोजने पर भी बल दिया। कुलपति ने शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। 

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