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शिक्षकों के लिए भी उद्योगों का व्यावहारिक अनुभव जरूरीः राज नेहरू

Posted by : pramod goyal on : Saturday 27 June 2020 0 comments
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फरीदाबाद, 27 जून - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा शिक्षा और उद्योग के बीच कौशल अंतर भरने के उद्देश्य से ‘इंडस्ट्री-अकेडमी कनवर्जेंसः ब्रिजिंग द स्किल गैप’ विषय पर एक सप्ताह के ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम टीईक्यूआईपी परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया था। 
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू द्वारा किया गया।
अपने संबोधन में प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों के कौशल
विकास पर बल दिया तथा शैक्षिक संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए कौशल को आवश्यक बताया। इस अवसर पर बोलते हुए श्री. राज नेहरू ने जरूरी कौशल न होने के कारण युवाओं को रोजगार में आने वाली दिक्कतों को उजागर किया और कहा कि विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी उद्योग का व्यावहारिक अनुभव होना चाहिए ताकि वे विद्यार्थियों की कौशल संबंधी जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सके। 
कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न कॉलेजों के अलावा चेन्नई, कानपुर, बनारस, लखनऊ और गाजियाबाद के शिक्षण संस्थानों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का समन्वयन नीतू गुप्ता और सोनम खेरा द्वारा किया गया था। आयोजन सचिव डॉ. प्रदीप डिमरी की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. मुनीष वशिष्ठ ने कार्यक्रम का सारांश दिया और कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। विभाग की अध्यक्षा डॉ. नीलम तुर्क ने सभी विशेषज्ञ वक्ताओें का आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम की सफलता पर प्रतिभागियों और संपूर्ण आयोजन टीम को भी बधाई दी।

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