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बढ़ती कोरोना माहमारी में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की सुध नही ले रही सरकार:सीटू

Posted by : pramod goyal on : Friday 12 June 2020 0 comments
pramod goyal
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   फरीदाबाद। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा ( संबंधित सीटू ) के आह्वान पर ईपीएफ लागू करवाने,2020 के बकाया वर्दी भत्ते का भुगतान, बकाया वेतन व एरियर के तुरन्त भुगतान किये जाने तथा पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण दिए जाने आदि
मांगों को लेकर होने वाले आंदोलन की सभी तैयरियां पूरी कर ली गई हैं। आंदोलन की रूपरेखा बताते हुए ब्लॉक के प्रधान महेश हंस व सचिव महेंद्र मंढोतिया.ने प्रेसब्यान जारी करते हुए बताया की ब्लॉक के सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारी 22 जून से काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे तथा उचित शाररिक दूरी रखते हुए अपनी मांगों को लेकर 22 से 26 जून 2 घण्टे के लिए बीडीपीओ मुख्यालयों पर धरना व 28 जून को डीडीपीओ कार्यालय पर जिला स्तरीय धरना/प्रदर्शन करेंगे और 5 जुलाई तक सरकार ने अगर सफाई कर्मियों की मांगों का समाधान नही किया तो 6 से 8 जुलाई को 3 दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल करके ब्लॉक स्तर पड़ाव डालकर बैठकर आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे।
     यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को राम भरोसे छोड़ दिया है।कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सरकार को बार-बार समस्याओं से अवगत करवा चुके है। उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों की सुध लेने को तैयार नही है। जिससे सफाई कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
     यूनियन नेताओं ने कहा की 4 सितम्बर 2019 को पीएफ लागू करने का पंचायत विभाग ने पत्र जारी किया था। उसके बाद पीएफ लागू करने के लिए लिए वित्त विभाग से मंजूरी के नाम पर 4 माह गुजार दिए। 9 जनवरी को वित्त विभाग ने भी मंजूरी दे दी तथा 17 मार्च को फिर विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान-सचिव ने ईपीएफ लागू करने बारे पत्र जारी कर दिया उसके बाद भी जिले के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईपीएफ के दायरे में नही लिया। जिसके कारण कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
     उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। उसके बावजुद सफाई कर्मी ईमानदारी से अपनी डियूटी कर रहे हैं। सरकार आशा वर्करों को 50 लाख बीमा में कवरेज दे चुकी है। लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारियो को 50 बीमा तो दूर की बात पर्याप्त मात्रा में मास्क,दस्ताने,सेनेटाइजर सहित पूरी सुरक्षा किट भी नही दी जा रही।
      यूनियन नेताओं ने कहा की सरकार एक तरफ कर्मचारियों पर वर्दी पहनकर काम करने का दबाव बना रही है और दूरी तरफ 3500 रूपये सालाना मिलने वाले वर्दी भत्ते का 2020 में एक भी कर्मचारी को भुगतान तक नही किया।

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