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डीजल व पेट्रोल के दामों में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ रोड़वेज कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Friday 26 June 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के बेनर तले भारत सरकार द्वारा लगातार 19 वें दिन डीजल व पेट्रोल के दामों में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ रोड़वेज कर्मचारियों ने बस अड्डे पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बस अड्डे पर डीजल व पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ आम सभा का आयोजन किया। इसके बाद जुलूस की शक्ल में नारेबाजी
करते हुए मुथरा रोड़ पर खड़े होकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। 
प्रर्दशन के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जीएम को सौंपा गया। प्रर्दशन का आह्वान आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन ने अखिल भारतीय स्तर पर किया था। इस प्रर्दशन का नेतृत्व तालमेल कमेटी के नेता राम आसरे यादव,सहजाद खांन, रविंद्र नागर, राजबीर नागर व शैकुल खांन आदि ने किया। प्रर्दशन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला प्रधान अशोक कुमार व सचिव बलबीर सिंह भी मौजूद थे। आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन के राष्ट्रीय सचिव राम आसरे यादव ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार डीजल पेट्रोल से भी महंगा हुआ है। जबकि 80 प्रतिशत खपत डीजल की ही होती है, जिससे ट्रक व बसें चलती हैं। महंगाई को बढ़ाकर जनता को गरीबी की तरफ थकेला जा रहा है। 

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट है और आम आदमी कोरोना संकट की वजह से आर्थिक संकट को झेल रहा है, डीजल - पेट्रोल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी करना सरकार का बिल्कुल संवेदनहीन फैसला है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना खजाना भरने से पहले यह सोचना चाहिए कि कोविड 19 के कारण पहले से पीड़ित आम आदमी को इस बढ़ोतरी के चलते महंगाई का दंश भी झेलना होगा। उन्होंने कहा कि यह सब तब किया जा रहा है,जब सरकार को मालूम है कि कोरोना संकट से उबर कर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सामान्य होने में लंबा समय लगेगा, निजी वाहनों का उपयोग सुरक्षा की दृष्टि से भी जरूरी है, पेट्रोल - डीजल की कीमतें बेलगाम होना कतई उचित नहीं माना जा सकता। इससे अंततः महंगाई में ही बढ़ोतरी ही होगी। जिससे आम आदमी को ही झेलना होगा।

क्या है तेल का खेल ?

प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने तेल के खेल को समझाते हुए कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बैरल कच्चे तेल कीमत 42 यूएस डॉलर है। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं और एक यूएस डॉलर की कीमत भारतीय मुद्रा रूपए में 75.80 है। 42 यूएस डॉलर का मतलब 3183 रुपए। इसका मतलब यह हुआ कि 159 लीटर तेल की कीमत 3183 रूपए है। यानी एक लीटर कच्चे पेट्रोल की कीमत 20.80 रुपए है। रिफाइनरी में कच्चे तेल की सफाई आदि में आने वाले 5.32 खर्च जोड़ दें तो कीमत बनी 26.13 रुपए। इसमें पेट्रोल पंप मालिकों का कमीशन आदि अन्य मद में आने वाले 3.56  खर्च को भी जोड़ दें तो एक लीटर पेट्रोल की कीमत 29.68 बनती है। पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल करीब 80 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार एक लीटर पेट्रोल पर करीब 50 रुपए एक्साईज ड्यूटी,वेट व टेक्स वसूल कर अपना खजाना भरने के लिए जनता को लूट रही है। यह कोविड 19 जैसे आर्थिक संकट में आम जनता पर अपराधिक हमला है। जिसको बिल्कुल सहन नहीं किया जाना चाहिए। 

इस प्रर्दशन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला संगठन सचिव मुकेश बेनीवाल,खंड प्रधान करतार सिंह,सचिव सुभाष देसवाल,दर्शन सोया,विजय चावला, बिजली कर्मचारी नेता कृष्ण कुमार, मैकेनिकल वर्कर यूनियन के अध्यक्ष गांधी सहरावत, बल्लू प्रधान आदि उपस्थित थे। 

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