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फरीदाबाद। एनएसयूआई फरीदाबाद के जिलाध्यक्ष कृष्ण नागर ने वाईएमसीए यूनिवर्सिटी के उपकुलपति को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि बिना परीक्षाओं के छात्रों को 10 प्रतिशत ग्रेस अंकों के साथ प्रोमोट किया जाए। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कृष्ण नागर का कहना है कि प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा लेने के पुख्ता इंतजाम नही है ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प छात्रहित में नही है और वही पेन-पेपर से परीक्षा लेना छात्रों की जान से खिलवाड़ है। कृष्ण का कहना है कि हरियाणा में अधिकतर
इलाको में आज भी इंटरनेट की सुविधा बेहतर नही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आईआईटी कानपुर-मेरठ-मुम्बई, एमिटी राजस्थान व महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में हरियाणा सरकार भी इसके तर्ज पर ही यूजी, पीजी व अन्य कोर्सो के छात्रों को बिना परीक्षाओं के प्रोमोट करने के आदेश जारी करने चाहिए। इसी के साथ सीबीएल्यु भिवानी व एनआईटी कुरुक्षेत्र द्वारा भी पहले व दूसरे सत्र के छात्रों को एनएसयूआई की पुरजोर मांग उठाने के बाद प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है, जिसका एनएसयूआई स्वागत करती है वही फाइनल सत्र के छात्रों को भी प्रमोट करने की मांग करती है।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष कृष्ण नागर ने कहा कि कोविड-19 के चलते मार्च से लेकर अब तक लॉकडाउन लगा हुआ है जिसके कारण छात्रों की कक्षाएं नहीं लग पाई है और अगर डिजीटल प्लेटफार्म के माध्यम से लगी भी है तो महज औपचारिकता के लिए लगी है जिसमे व्हाट्सएप के माध्यम से कुछ पाठ्यक्रम मेटियरल भेजा गया है और देहात में रहने वाले छात्रों के पास वो भी नही पहुंचा। अगर सरकार इस दौरान ऑनलाइन परीक्षा भी लेती है तो हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत नहीं है कि सभी छात्र ऑनलाईन परीक्षा दे सकें इसलिए सरकार छात्रों को राहत देते हुए, बिना परीक्षा लिए अगले सत्र में 10 प्रतिशत ग्रेस अंकों के साथ प्रमोशन देने का काम किया जाना चाहिए।
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