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अपने सपनों का पीछा करते हुए जीवन में कभी हार न मानेः सोनल गोयल

Posted by : pramod goyal on : Thursday 28 May 2020 0 comments
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फरीदाबाद, 28 मई - कोरोना संकट के बीच विद्यार्थियों में आत्म-प्रेरणा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के डीन स्टूडेंट वेलफेयर विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए एक आनलाइन प्रेरक व्याख्यान का आयोजन किया, जिसमें गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन सिटी बस लिमिटेड की कार्यकारी अधिकारी तथा गुरुग्राम मेट्रोपॉ
लिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी सोनल गोयल मुख्य वक्ता रही।
व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। कुलपति ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और विद्यार्थियों के लिए प्रेरक व्याख्यान देने के लिए श्रीमती सोनल गोयल का आभार जताया। व्याख्यान सत्र का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. लखविंदर सिंह की देखरेख में लिया गया, जिसका संयोजन डिप्टी डीन डॉ. सोनिया द्वारा किया। कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग भी उपस्थित थे।
भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनने की सोनल गोयल की सफलता की कहानी का उल्लेख करते हुए कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने कहा कि वह हरियाणा के पानीपत जैसी जगह से आती हैं और सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है। यह उन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है जो आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं।
सोनल गोयल ने अपने व्याख्यान में विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन और अनुभवों को साझा किया और उन्हें सपनों का पीछा करते हुए जीवन में कभी हार न मानने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने 2006 में पहली बार सिविल सेवा परीक्षा का प्रयास किया, लेकिन साक्षात्कार के दौर में नहीं पहुंच सकीं, लेकिन 2007 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इसे 13वीं अखिल भारतीय रैंक के साथ उत्तीर्ण किया। उन्होंने कहा कि आईएएस के लिए तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को अपने उद्देश्यों के प्रति स्पष्ट होना चाहिए कि वे आईएएस अधिकारी क्यों बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी बनना उसके लिए समाज सेवा और समाज को सार्थक योगदान देने का एक अवसर था। उसने कहा कि आईएएस बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों को अपने विचारों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए और अपने सपनों को पूरी लगन के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों को उपयोगी टिप्स भी दिए और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान वैकल्पिक करियर विकल्प चुनने का सुझाव भी दिया। सोनल ने बताया कि उनके पिता, जो पेशे से एक सीए थे, ने यह सुनिश्चित किया कि यदि वह सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाती तो उनके पास एक अन्य कैरियर विकल्प तैयार होना चाहिए। इस प्रकार, सोनल ने 2004 में अपना सीएस पूरा किया और जल्द ही कानून की पढ़ाई शुरू कर दी और वह भी पूरी कर ली। इसके साथ ही, उसने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

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