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फरीदाबाद।
विभिन्न मजदूर संगठनों ने संबंधित सीटू के आह्वान पर आज जिला फरीदाबाद में शहरी गरीब व प्रवासी मजदूरों को राशन व आर्थिक सहायता की दिए जाने कि मांग को लेकर अलग-अलग स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन किया। उचित दूरी रखते हुए मजदूर महिलाओं व पुरूषों ने मांग की कि हमें भुख से बचाने के लिए गुजारे लायक राशन व आर्थिक मदद दी जाए।
सीटू के जिला जिला प्रधान निरंतर पराशर,जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, ने कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार मीडिया में हैडलाईन बनवा रही है। परन्तु धरातल पर मजदूरों व गरीब लोगों की हालात दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। भुखमरी के चलते प्रवासी मजदूरों में भारी बैचेनी है। तथा वें हजारों की संख्या में भुखे-प्यासे पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकडाउन को 52 दिन हो चुके हैं। प्रवासी मजदूरों तथा जिन गरीब परिवारों के राशन कार्ड नहीं है। या जिनके हरे राशन कार्ड हैं । उनको राशन नहीं मिलता है।।वे भुखमरी के कगार पर है। इतने दिनों के बाद भी सरकार शहरों में रहने वाले निर्माण मजदूरों, फैक्ट्री मजदूरों, खुली दिहाड़ीदार, रेहड़ी-पटरी मजदूरों, रिक्शा-ऑटो रिक्शा चालकों, घरों में झाड़ू पोचा सफाई करने वाले मजदूरों, वर्करों, दुकानों पर काम करने वाले मजदूरों आदि को राहत देने में नाकाम रही है।
सीटू नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कल घोषणा की गई कि प्रवासी मजदूरों व जिनके राशन कार्ड नहीं है उनको भी 5 किलो प्रति व्यक्ति अनाज व एक किलो चने की दाल महीने में दी जाएगी। मजदूरों व संगठनों के बहुत भारी दबाव के बाद केन्द्र ने यह छोटी सी राहत की घोषणा की है जिसे दिया जाना तुरंत सुनिश्चित किया जाए। परन्तु क्या इतने भर से परिवार का महीने का गुजारा चल जाएगा? इसलिए 10 किलो प्रति व्यक्ति अनाज व महीने भर का रसोई का पूरा राशन मिलना चाहिए। सरकार पूंजीपतियों को लाखों करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा कर रही है। जबकि करोड़ों मजदूरों को भुखमरी से बचाने को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले मजदूरों को लोन देने की बात कह रही है, आर्थिक मदद देने की नहीं। प्रदर्शनों के माध्यम से मांग की गई कि रोजगार बहाली तक प्रत्येक परिवार को महीने भर का अनाज व जरूरी राशन दिया जाए। खाना बनाने के लिए ईंधन का प्रबन्ध किया जाए। सभी साधन हीन व आमदन हीन परिवारों को 7500 रुपए मासिक नगद राशि दी जाए। मकानों का किराया लेने पर राक हो। जो प्रवासी मजदूर अपने घर जाना चाहते हैं उनकी जाने की तुरंत निःशुल्क व्यवस्था की जाए। हरियाणा सरकार बिना किसी कंडीशन के मजदूरों के लिए घोषित 4500 रूपये प्रतिमाह तुरंत नगद उपलब्ध करवाए।
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