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फरीदाबाद। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र और उस पर की गई कार्रवाई का असर दिखाई देने लगा है। शिक्षा विभाग पंचकूला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर सभी स्कूल प्रबंधकों से ट्यूशन फीस में वृद्धि न करने व अ
न्य फंडों में फीस न लेने का शपथ पत्र मांगने को कहा है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे अभिभावकों की जागरूकता व एकजुटता का परिणाम बताया है और अभिभावको से कहा है कि वे लगातार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को स्कूलों की प्रत्येक मनमानी के बारे में सबूत के साथ पत्र लिखते रहें। चुप ना बैठे और स्कूलों द्वारा पिछले 5 साल में बढ़ाई गई फीस, नए दाखिलों में एडवांस में ली गई फीस, एनसीईआरटी की किताबों की जगह प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें लगाकर बस्ते का बोझ बढ़ाने, ट्यूशन फीस के अलावा अपनी मर्जी से बनाए गए दर्जनों फंडों के नाम आदि का ब्यौरा इकट्ठा करके प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजकर शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराने की अपील करें। और इस उसकी एक प्रति मंच को उपलब्ध कराएं जिनके आधार पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ याचिका दायर की जा सके। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, चेयरमैन एफएफआरसी सब अच्छी तरह से जानते हैं कि स्कूल प्रबंधक अपनी मनमर्जी चला रहे हैं, अभिभावकों को डरा धमका रहे हैं। फिर भी ये सब मौन है। जिन अभिभावकों ने वोट देकर नेताओं को मंत्री बनाया विधायक बनाया वह भी अभिभावकों की मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में अब अभिभावकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही कुछ उम्मीद है ।
न्य फंडों में फीस न लेने का शपथ पत्र मांगने को कहा है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे अभिभावकों की जागरूकता व एकजुटता का परिणाम बताया है और अभिभावको से कहा है कि वे लगातार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को स्कूलों की प्रत्येक मनमानी के बारे में सबूत के साथ पत्र लिखते रहें। चुप ना बैठे और स्कूलों द्वारा पिछले 5 साल में बढ़ाई गई फीस, नए दाखिलों में एडवांस में ली गई फीस, एनसीईआरटी की किताबों की जगह प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें लगाकर बस्ते का बोझ बढ़ाने, ट्यूशन फीस के अलावा अपनी मर्जी से बनाए गए दर्जनों फंडों के नाम आदि का ब्यौरा इकट्ठा करके प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजकर शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराने की अपील करें। और इस उसकी एक प्रति मंच को उपलब्ध कराएं जिनके आधार पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ याचिका दायर की जा सके। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, चेयरमैन एफएफआरसी सब अच्छी तरह से जानते हैं कि स्कूल प्रबंधक अपनी मनमर्जी चला रहे हैं, अभिभावकों को डरा धमका रहे हैं। फिर भी ये सब मौन है। जिन अभिभावकों ने वोट देकर नेताओं को मंत्री बनाया विधायक बनाया वह भी अभिभावकों की मदद नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में अब अभिभावकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही कुछ उम्मीद है ।
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