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फरीदाबाद : सुरक्षा उपकरणों और जायज़ मांगों की प्राप्ति के लिए प्रांतीय कमेटी के आह्वान पर सोशियल डिस्टेंसिंग को मध्य नजर रखते हुए आशा वर्करों ने सीएमओ फरीदाबाद के कार्यालय पर काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए सिविल सर्जन के नाम मांगों का ज्ञापन श्री राजेश कुमार डॉक्टर साहब को दिया। यह विरोध कारवाही आज सोमवार को पूरे राज्य भर में आशा वर्कर्स व स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से की।
सीटू, सर्व कर्मचारी संघ के आहवान पर हुए इस प्रदर्शन को सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, एवं आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान हेमलता तथा जिला सचिव सुधा पाल ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार इस महामारी में विभाग के सभी प्रकार के सर्वे आशा वर्कर से करवा रही है। इस महामारी में जब सब लोक डाउन के चलते अपने घरों मैं सुरक्षित है। उस समय में पूरे देश में आशा वर्कर्स अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। भारत सरकार का लोक डाउन का निर्णय देश की तमाम जनता को इस महामारी से बचाने के लिए लिया गया हैl जबकि केंद्र व राज्य सरकारों की लॉक डाउन की कोई तैयारी नहीं थी। यह सरकार के निर्णय पर सवालिया निशान हैl दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम के तहत वर्ष 2005 में आशा वर्कर्स लगाई गईl जिस समय सरकार द्वारा यह परियोजना आरंभ की गई उस समय इसका लक्ष्य देश में हो रही मातृ शिशु मृत्यु दर और टीकाकरण जैसे गंभीर मसलों को सुलझाना था lआशा वर्कर्स के द्वारा काम संभाले जाने के बाद ना केवल मातृ मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर टीकाकरण संस्थागत प्रसव की स्थिति में सुधार हुआ है ।बल्कि आज 15 साल बाद पूरे देश में आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग की बुनियाद के रूप में काम कर रही है। आज इस महामारी में पूरे देश और हरियाणा प्रदेश में आशा वर्कर्स अहम भूमिका निभा रही है। इस महामारी मैं स्वास्थ्य विभाग के करवाएं जा रहे भांति भांति के स्वास्थ्य संबंधित सर्वे करते हुए कई जगह आशा वर्कर इस महामारी की चपेट में आ गई है lऔर दुख की बात यह है कि केंद्र व राज्य सरकार उनके सुरक्षा व जायज़ मांगों तक का समाधान नहीं रही है।
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