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फरीदाबाद। जेसी बोस युनिवर्सिटी वाईएमसीए प्रशासन का ठेकेदारों पर मेहरबान और पेंशनरों के प्रति बेरुखी का घोर अमानवीय चेहरा सामने आया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने यह खुलासा करते हुए बताया कि जेसी बोस युनिवर्सिटी वाईएमसीए इंप्लाईज एसोसिएशन के प्रधान अशोक कुमार व वर्कशॉप इम्पला
ईज एसोसिएशन के प्रधान विजय कुमार ने सकसं को बताया की युनिवर्सिटी प्रशासन ने दो महीने से पेंशनर्स की पेंशन और 2018 में रिटायर हुए कर्मचारियों को अभी तक ग्रेज्यूटी का भुगतान नहीं किया है। इतना ही नहीं युनिवर्सिटी प्रशासन ने सरकार के निर्देशों की प्रवाह न करते हुए ठेकेदार के मार्फत युनिवर्सिटी में विभिन्न पदों पर लगे सैकड़ों ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों को अप्रैल महीने का वेतन तक नहीं दिया है। जबकि सरकार ने 10 अप्रैल तक इन ठेका कर्मचारियों को वेतन देने के निर्देश किए थे। दुसरी तरफ युनिवर्सिटी ने ठेकेदारों को 6,82,14,309 को कोविड 19 में भुगतान कर दिया है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि प्रशासन एक तरफ पेंशनर्स की पेंशन व ग्रेज्यूटी और ठेका कर्मचारियों का वेतन नहीं दे रहा है। लेकिन इसके विपरित आए दिन समाजसेवी एवं देशभक्ति का दिखावा करने वाले प्रशासन ने 30 मार्च को राजेश बत्रा नामक ठेकेदार को 5.67,25410,15 मई को शंकर सिंह तोमर ठेकेदार को 24,39,790 व 15 मई को ही नरेश गुप्ता नाम के ठेकेदार को 80,49,209 रुपए की भुगतान कर दिया। जो जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहा है। एसोसिएशन के प्रधान अशोक कुमार ने आरोप लगाया कि युनिवर्सिटी प्रशासन कर्मचारियों को लगातार परेशान कर उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर कर रहा है। उन्होंने बताया कि जो कंस्ट्रक्शन वर्क युनिवर्सिटी में चल रहा है, उसमें लगातार भ्रष्टाचार व अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। इस मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इससे संबंधित जानकारी मांगी थी,जिनको दिया नहीं गया, इसलिए वह अपील में गया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस पुरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री व विभाग के मंत्री अनिल विज से भी शिकायत की जाएगी।
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