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फरीदाबाद, 21
मई - हरियाणा उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी ने युवा इंजीनियरों और तकनीकीविदों से आग्रह किया है कि वे सरकार और प्राथमिक क्षेत्र, विशेषकर कृषि को कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए नवीन समाधान प्रदान करें। उन्होंने विद्यार्थियों की ऐसी समाधान आधारित परियोजना के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करवाने का आश्वासन भी दिया।
महानिदेशक श्री जोशी जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आत्मनिर्भर भारत - हैकाथॉन प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर कोरोना महामारी के उपरांत स्टार्ट-अप अवसरों को लेकर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। वेबिनार की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इवेंट का आयोजन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष डाॅ. लखविन्दर सिंह, डाॅ सपना गंभीर, टीईक्यूआईपी परियोजना निदेशक डॉ. विक्रम सिंह और एलुमनाई एवं कॉर्पोरेट अफेयर सेल के निदेशक डॉ. संजीव गोयल की देखरेख में किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत हैकाथॉन प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों की 58 टीमों के 200 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को रुपये तक प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन पुरस्कार राशि सीड मनी/ इंक्यूबेशन प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जायेगी।
महानिदेशक श्री जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बावजूद, कृषि क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है जो सुचारू रूप से काम कर रहा है और इस पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं है। हालांकि, उन्होंने कृषि क्षेत्र में सप्लाई चेन नेटवर्क को संपर्क-रहित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि कृषि क्षेत्रों और किसानों के लिए ऐसे समाधान बनाए जा सकते हैं, तो ऐसे समाधानों को आगे ले जाने तथा सरकारी स्तर पर लागू करवाने की संभावनाओं पर काम किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सरकारी और प्राथमिक क्षेत्र के लिए समाधान देने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के लिए नई प्रौद्योगिकी और स्थानीय स्तर पर नवीन समाधानों की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
इससे पहले, अपने स्वागतीय भाषण में, कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कोरोना महामारी के उपरांत उत्पन्न स्टार्ट-अप अवसरों का लाभ उठाने के लिए इनोवेशन तथा उद्यमशीलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को कोरोना संकट से निकालने के लिए युवा इंजीनियरिंग से बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि वे इनोवेटिव स्टार्टअप समाधानों के द्वारा कोरोना महामारी के उपरांत अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
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मई - हरियाणा उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बालाजी जोशी ने युवा इंजीनियरों और तकनीकीविदों से आग्रह किया है कि वे सरकार और प्राथमिक क्षेत्र, विशेषकर कृषि को कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए नवीन समाधान प्रदान करें। उन्होंने विद्यार्थियों की ऐसी समाधान आधारित परियोजना के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करवाने का आश्वासन भी दिया।
महानिदेशक श्री जोशी जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आत्मनिर्भर भारत - हैकाथॉन प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर कोरोना महामारी के उपरांत स्टार्ट-अप अवसरों को लेकर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। वेबिनार की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इवेंट का आयोजन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष डाॅ. लखविन्दर सिंह, डाॅ सपना गंभीर, टीईक्यूआईपी परियोजना निदेशक डॉ. विक्रम सिंह और एलुमनाई एवं कॉर्पोरेट अफेयर सेल के निदेशक डॉ. संजीव गोयल की देखरेख में किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत हैकाथॉन प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों की 58 टीमों के 200 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को रुपये तक प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टीईक्यूआईपी) के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन पुरस्कार राशि सीड मनी/ इंक्यूबेशन प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जायेगी।
महानिदेशक श्री जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बावजूद, कृषि क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है जो सुचारू रूप से काम कर रहा है और इस पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं है। हालांकि, उन्होंने कृषि क्षेत्र में सप्लाई चेन नेटवर्क को संपर्क-रहित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यदि कृषि क्षेत्रों और किसानों के लिए ऐसे समाधान बनाए जा सकते हैं, तो ऐसे समाधानों को आगे ले जाने तथा सरकारी स्तर पर लागू करवाने की संभावनाओं पर काम किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सरकारी और प्राथमिक क्षेत्र के लिए समाधान देने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के लिए नई प्रौद्योगिकी और स्थानीय स्तर पर नवीन समाधानों की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
इससे पहले, अपने स्वागतीय भाषण में, कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कोरोना महामारी के उपरांत उत्पन्न स्टार्ट-अप अवसरों का लाभ उठाने के लिए इनोवेशन तथा उद्यमशीलता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को कोरोना संकट से निकालने के लिए युवा इंजीनियरिंग से बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि वे इनोवेटिव स्टार्टअप समाधानों के द्वारा कोरोना महामारी के उपरांत अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं।
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