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मजदूरों को राशन देने की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

Posted by : pramod goyal on : Friday 29 May 2020 0 comments
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फरीदाबाद 29 मई। वामपंथी पार्टियों की ओर से मजदूरों को राशन देने की मांग को लेकर  आज शुक्रवार को  उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी सभी जरूरतमंद लोगों को राशन दो, राशन वितरण में हो रहे गड़बड़ झाले पर रोक लगाओ के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व सीपीएम के जिला सचिव  शिवप्रसाद और
सीपीआई के जिला सचिव आरएन सिंह ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शन के बाद प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन डीडीपीओ श्री राजेश मोर को सौंपा गया। इसकी एक प्रति देश के माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम भी भेजा गया।आज की इस कार्रवाई का संचालन सीपीएम के जिला कमेटी सदस्य वीरेंद्र सिंह डंगवाल कर रहे थे। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर जरूरतमंद लोगों को राशन देने में भेदभाव   करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि
 राशन वितरण प्रणाली न्याय संगत नहीं है असल में जिन लोगों के लिए शासन ने राशन की व्यवस्था की है।  उन्हीं को इससे वंचित रखा जा रहा है। इसके लिए बहाना राशन कार्डो को अपडेट नहीं करने का बनाया जाता है। उन्होंने कहा यह अजीब विडंबना ही है। कि एक तरफ जहां राज्य और केंद् की सरकारें सभी लोगों को राशन देने की घोषणा टीवी चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से करती है। असल में इन खबरों के लिखित आदेश  जारी नहीं किए जाते हैं। जैसा कि खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों को बताया कि उनके पास सरकार की तरफ से इस तरह के आदेश नहीं आए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता कि   सरकार की कथनी और करनी में काफी  अंतर है। इसी का परिणाम है की गरीबों और मजदूरों को उनका हक नहीं मिलते हैं। उनके हिस्से का राशन दूसरे साधन संपन्न लोगों को दे दिया जाता है। यह व्यवस्था की ही देन है की बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों को भी फ्री में अनाज देने की मुहिम से अलग रखा गया। इसके लिए खाद्य  आपूर्ति अधिकारी  ने दलील थी।   कि इनके कार्ड काफी पुराने हैं। इनका नवीनीकरण करवाना चाहिए था। जो नहीं किया गया इसलिए इन्हें राशन नहीं मिलेगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। कि जरूरतमंदों को राशन देने की बात जो प्रचार माध्यमों के द्वारा जनता के बीच में  चली गई। इसका वितरण हुआ या नहीं इसकी जांच पड़ताल  किसी ने भी नहीं की। 

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