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हरियाणा में कोरोना वायरस से हुई मौत तो घर नहीं जाएगा शव, दूर से होंगे अंतिम दर्शन

Posted by : pramod goyal on : Thursday 9 April 2020 0 comments
pramod goyal
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चंडीगढ़।
कोविड-19 प्रभावित शवों का निपटान कर रहे लोगों के संक्रमित होने के भय व संभावना को मद्देनजर रखते हुए हरियाणा सरकार ने गाइडलाइंस जारी की है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस में बताया गया है कि नगर निगमों के सभी आयुक्तों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और नगर समितियों के सचिवों को स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय (ईएमआर डिवीजन) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए शवों का निपटान करने के लिए प्राधिकृत किया है। इस संदर्भ में किसी व्यक्ति, संस्था और संगठन द्वारा किसी भी संबंधित आदेश के उल्लंघन को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 में 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। नगर निगम आयुक्त इस कार्य के लिए संयुक्त आयुक्त या अधीक्षक अभियंता या कार्यकारी अभियंता के स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी पदनामित करेगा। जबकि कार्यकारी अधिकारी और सचिव नोडल अधिकारी होंगे।
इसके अतिरिक्त, आइसोलेशन एरिया, शवगृह एवं एंबुलेंस में शवों की देखभाल के लिए चिह्नित सभी कर्मचारियों और श्मशान घर एवं कब्रिस्तान में कार्यरत कर्मचारियों में संक्रमण को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। अधिकारियों द्वारा परिवार को बताया जाएगा कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए श्मशान घर में बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे में संक्रमण के फैलने की संभावना अधिक रहती है।

10 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को शव के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और उन्हें श्मशान घर नहीं ले जाना चाहिए। शव को नहलाने, चूमने या आंलिगन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। संस्कार के समय धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने, पवित्र जल के छिड़काव या कोई ऐसा कार्य, जिसमें शव को छूने की आवश्यकता नहीं है, की अनुमति होगी। संस्कार के उपरांत परिवार के सदस्यों को अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए। राख से संक्रमण के फैलने का खतरा नहीं है इसलिए अस्थि प्रवाह के लिए उसे एकत्रित किया जा सकता है।

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