HEADLINES


More

पहले नवरात्रे पर हुई मां शैलपुत्री की पूजा,श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे कपाट

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 25 March 2020 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//


फरीदाबाद। सिद्धपीठ महारानी श्री वैष्णोदेवी मंदिर में नवरात्रों के पहले दिन मां शैलपुत्री की भव्य पूजा अर्चना की गई। प्रात: 4:30 बजे मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना कर नवरात्रों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंदिर में केवल पुजारी ही उपस्थित थे। इनके अ
लावा श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट नहीं खोले गए। सरकार  एवं जिला प्रशासन की हिदायतों के अनुसार कोरोना बीमारी के चलते इस बार नवरात्रों में मंदिर नहीं खोला जाएगा। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए पूरे विश्व के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उन्होंने माता रानी से अरदास करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से लडऩे के लिए पूरे विश्व को शक्ति प्रदान करें और इस भयंकर आपदा से लोगों का बचाव करें। इस अवसर पर प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि मां शैलपुत्री की भव्य पूजा अर्चना करते हुए उन्हें प्रसाद का भोग लगाया गया। इस शुभ अवसर पर मंदिर में भक्तों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रखा गया। यदि कोई श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करना चाहे तो वह केवल बंद कपाट के बाहर ही माता रानी से अपनी अरदास कर सकता है। श्री भाटिया ने बताया कि मां शैलपुत्री तत्काल फल देने वाली माता है। जो भी भक्त नवरात्रों के अवसर पर मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करते हुए सच्चे मन से अरदास करता है, उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है।
श्री भाटिया के अनुसार मां शैलपुत्री को शुद्व देसी घी, फल व नारियल अति प्रिय हैं। सफेद व लाल रंग भी माता रानी की पसंद माना जाता है। इस अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सभी पुजारियों ने इस बार नवरात्रों पर माता रानी से केवल कोरोना बीमारी का अंत करने व सभी परिवारों के स्वस्थ्य रखने की ही अरदास की। मंदिर में प्रसाद का वितरण भी किया गया। बता दें कि प्रत्येक नवरात्रों पर मां वैष्णोदेवी मंदिर में भक्तों का दिन भर तांता लगा रहता है। मंदिर में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होता है तो भक्तों के लिए मंदिर के कपाट चौबीस घंटे खुले रखे जाते हैं। मंदिर में हर रोज खीर का प्रसाद व भंडारे का भी आयोजन होता है। मगर इस बार कोरोना बीमारी के चलते मंदिर के कपाट बंद रखे गए हैं और नवरात्रों में माता रानी की पूजा अर्चना केवल पुजारियों द्वारा ही की गई है। 

No comments :

Leave a Reply