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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने बनाई ऐप, संक्रमित व्यक्ति होगा पास तो देगी अलर्ट

Posted by : pramod goyal on : Thursday 26 March 2020 0 comments
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फरीदाबाद, 26 मार्च - दुनियाभर में मानव जाति के लिए गंभीर संकट बन चुकी कोरोना महामारी की रोकथाम के उपायों में हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। इसी कड़ी में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के विद्यार्थियों ने कोरोना से बचाव का एक इनोवेटिव समाधान खोज निकाला है। विश्वविद्यालय की स्टार्ट-अप टीम में एमबीए के दो विद्यार्थियों ललित फौजदार तथा नितिन शर्मा ने जियो-फेंसिंग तकनीक का उपयोग करते हुए ऐसी मोबाइल ऐप तैयार की है जो लोगों को वास्तविक समय अलर्ट देने में सक्षम होगी यदि कोई संक्रमित व्यक्ति 5 से 100 मी
टर की सीमा के भीतर दाखिल होता हैं। इसके साथ ही यह चेतावनी देगी कि आप उन स्थानों पर न जाएँ जहाँ संभावित संक्रमित व्यक्ति पिछले 24 घंटे में आया हो। ऐप को विश्वविद्यालय के एडजेंक्ट फैकल्टी अजय शर्मा की देखरेख में तैयार किया गया है और इस ऐप को कवच नाम दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 16 मार्च को कोविड-19 सलूशन चैलेंज लाॅच किया था और इस चैलेंज के जरिए 31 मार्च तक कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए इनोवेटिव समाधान आमंत्रित किये थे। विश्वविद्यालय की टीम ने चैलेंज को स्वीकार करते हुए 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद यह ऐप तैयार की है।
अजय शर्मा ने बताया कि फिलहाल ऐप को तैयार कर इसका प्रोटोटाइप भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज दिया गया। ऐप को प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवाने के लिए गूगल इंडिया को भी भेजा गया है। केन्द्र सरकार ऐप से स्वीकृति मिलने के बाद यदि ऐप व्यवहार में आ जाती है तो यह देश के साथ-साथ दुनियाभर में कोरोना संक्रमण कोे रोकने में एक कारगर उपाय साबित हो सकती है।
इस मोबाइल ऐप का समसे बड़ा लाभ यह है कि यह कोरोना जैसी महामारियों के दौरान सभी नागरिकों को प्रामाणिक और सत्यापन योग्य जानकारी एकत्र करने और प्रदान करने के लिए सिंगल यूनिवर्सल प्लेटफार्म प्रदान करती है। किसी भी आपात स्थिति में सरकारी अधिकारियों से तुरंत मदद पाने के लिए नागरिक समय-समय पर महत्वपूर्ण सरकारी परामर्श प्राप्त कर सकते हैं और संक्रमण का शक होने पर खुद के परीक्षण के लिए आस-पास के अस्पतालों और मेडिकोज का संपर्क विवरण भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, यह ऐप बहु-उपयोगी है और इस तरह की महामारियों और आपदाओं के दौरान सरकार और नागरिकों की सहायता के लिए कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्टार्ट-अप टीम के प्रयासों की सराहना की है। कुलपति ने कहा कि कोरोना महामारी दुनियाभर में मानव जाति के लिए संकट बनती जा रही है, जिसे निपटने के लिए रोकथाम ही बेहतर विकल्प है। उन्होंने आशा जताई कि स्टार्ट-अप टीम द्वारा बनाई गई ऐप कोरोना वायरस से निपटने के लिए बेहतर समाधान उपलब्ध करवायेगी। 

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