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पिता की अर्थी उठाने को बेटे को नहीं मिले चार कंधे, ऑटो में ले गया श्मशान घाट तक

Posted by : pramod goyal on : Thursday 26 March 2020 0 comments
pramod goyal
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रोहतक।
एक ओर जहां कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए पीएम मोदी के आह्वान व पुलिस की सख्ती का बुधवार को शहर में व्यापक असर देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर, कबीर कालोनी में एक बुजुर्ग की मौत होने पर भी परिजनों ने वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपनी समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाई।
बेटे ने भी भीड़ का इंतजार नहीं किया और न ही किसी को बुलाया बल्कि ऑटो से अपने पिता का शव गोहाना रोड स्थित शमशान गृह ले गए । उसकी अंतिम यात्रा में रिश्तेदार व पड़ोसी तक शामिल नहीं हो पाए। अंतिम संस्कार में सिर्फ युवक के दस दोस्त पहुंचे।

कबीर कालोनी की एक युवती ने बताया कि उसके पिता 65 वर्षीय जयपाल की एक दिन पहले तबीयत बिगड़ गई थी। बुधवार को उनका देहांत हो गया। सूचना पाकर वह जींद से बाइक पर किसी तरह से रोहतक पहुंची।

इस दौरान रास्ते में लॉकडाउन के कारण पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें कई जगह रोका, लेकिन पिता की मौत के बारे में बताया तो जाने दिया। देश में फैले कोरोना नाम की बीमार के चलते परिवार के ज्यादा सदस्य नहीं पहुंच सके। अब उसका भाई अपने सात-आठ दोस्तों के साथ शव को ऑटो से श्मशान घर लेकर गया है।

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