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चंडीगढ़।
हरियाणा में अब लाल डोरा खत्म होने के बाद इससे मुक्त मकानों की रजिस्ट्री मात्र 66 रुपये में होगी। तहसीलदार मौके पर ही सारी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। राशि भरने पर मकान मालिक को रजिस्ट्री मिल जाएगी। इससे पहले निशानदेही होगी, उसके बाद महीने का समय जिला प्रशासन आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए देगा।
अगर पंचायत या किसी अन्य व्यक्ति को लगता है कि मकान या जगह उसकी है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। उसकी जांच के बाद ही रजिस्ट्री होगी। सरकार ने पहले चरण में रजिस्ट्री के लिए 75 गांव चिह्नित कर लिए हैं। लाल डोरा से मुक्त भूमि का ड्राफ्ट नक्शा पंचायत में ग्राम सभा के समक्ष रखा जाएगा, जिसमें दावे, आपत्तियां ली जाएंगी।
दावे, आपत्तियों के निपटारे के बाद आबादी देह का फाइनल नक्शा तैयार होगा। उसे डिजिटल फॉर्म में पेश किया जाएगा। नक्शे का उपयोग कर सरकार लाल डोरे के अंदर जितने भी निवासी थे, उनको निश्चित मालिकाना हक देगी। लाल डोरा खत्म होने के बाद पुश्तैनी जमीन अथवा उस पर बने ढांचों की खरीद-फरोख्त हो सकेगी। राजस्व रिकॉर्ड में इसका इंतकाल चढ़ेगा और कब्जाधारी को मालिकाना हक मिलेगा। घरों को नंबर अलॉट होंगे।
हरियाणा में अब लाल डोरा खत्म होने के बाद इससे मुक्त मकानों की रजिस्ट्री मात्र 66 रुपये में होगी। तहसीलदार मौके पर ही सारी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। राशि भरने पर मकान मालिक को रजिस्ट्री मिल जाएगी। इससे पहले निशानदेही होगी, उसके बाद महीने का समय जिला प्रशासन आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए देगा।
दावे, आपत्तियों के निपटारे के बाद आबादी देह का फाइनल नक्शा तैयार होगा। उसे डिजिटल फॉर्म में पेश किया जाएगा। नक्शे का उपयोग कर सरकार लाल डोरे के अंदर जितने भी निवासी थे, उनको निश्चित मालिकाना हक देगी। लाल डोरा खत्म होने के बाद पुश्तैनी जमीन अथवा उस पर बने ढांचों की खरीद-फरोख्त हो सकेगी। राजस्व रिकॉर्ड में इसका इंतकाल चढ़ेगा और कब्जाधारी को मालिकाना हक मिलेगा। घरों को नंबर अलॉट होंगे।
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