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नई दिल्ली. शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने की याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस एसके कौल की बेंच ने कहा कि प्रदर्शन करना लोगों का अधिकार है, लेकिन इससे सड़क बंद नहीं होनी चाहिए। इसके बाद अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को मध्यस्थ नियुक्त कर दिया। एडवोकेट साधना रामकृष्णन इसमें उनकी मदद करेंगी।
प्रदर्शनकारियों के वकील ने कहा कि स्कूल बसों और एंबुलेंसों के लिए रास्ता खुला है, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता टोकते हुए बोले कि रास्ता पूरी तरह बंद है। हमें प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए जिम्मेदार प्रतिनिधि की जरूरत है। प्रदर्शन के बहाने पूरे शहर को बंदी नहीं बनाया जा सकता। इस पर बेंच ने एडवोकेट संजय हेगड़े को बातचीत में मध्यस्थ तय कर दिया।
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