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प्राकृतिक संसाधनों को बिल्डरों के हाथ सौंपने पर क्यों तुली है हरियाणा सरकार - हाईकोर्ट

Posted by : pramod goyal on : Friday 21 February 2020 0 comments
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चंडीगढ़।
एनसीआर में नेचुरल कंजरवेशन जोन (एनसीजेड) नोटिफाई करने में देरी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई। कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों को बिल्डरों के हाथ सौंपने पर क्यों तुली है। एनसीजेड को नोटिफाई करने में देरी इसलिए की जा रही है ताकि कुछ खास लोगों को कॉलोनियां काटने का मौका दिया जा सके।
कोर्ट में केस की सुनवाई आरंभ होते ही याची चंद्रशेखर मिश्रा की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि 1992 में एनसीजेड के लिए भूमि 1 लाख्र 22 हजार 113 हेक्टेयर थी जो 2012 में घटकर 90 हजार 402 हेक्टेयर हो गई और वर्तमान में अब केवल 64 हजार 384 हेक्टेयर रह गई है। याची ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि सीएलयू की अनुमति दे दी गई थी और लगातार निर्माण कार्य चल रहा है।

इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सीएलयू पर रोक के आदेश इस आश्वासन के बाद हटाई गई थी कि बिना यह सुनिश्चित किए कि भूमि एनसीजेड में तो नहीं आ रही सीएलयू नहीं दिया जाएगा। उस समय कहा गया था कि जल्द ही एनसीजेड नोटिफाई किया जाएगा, लेकिन आज तक नहीं किया गया है।

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