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फरीदाबाद, 1 जनवरी - अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ रणनीतिक सहभागिता विकसित करने और अनुसंधान सहयोगों को स्थापित करने के लिए, जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद एक कार्य-योज
ना तैयार कर रहा है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय ने अनुसंधान के ऐसे विशेष क्षेत्रों की पहचान करने का निर्णय लिया है, जहां विश्वविद्यालय अनुसंधान के विशिष्ट क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से आसानी से अनुदान प्राप्त कर सकता है।
यह जानकारी आज यहां इंटरनेशनल अफेयर सेल द्वारा कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में ब्रुनल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रतिनिधि डॉ. हरजीत सिंह के साथ आयोजित बैठक में दी गई। इस बैठक का उद्देश्य जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी और ब्रुनल यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग के माध्यम से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर काम करने के संभावनाओं पर चर्चा करना था। बैठक में सभी डीन, विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और निदेशक, इंटरनेशनल अफेयर डाॅ. शिल्पा सेठी भी उपस्थित थी।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि शिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से, विश्वविद्यालय की योजना संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए एक्सचेज प्रोग्राम के माध्यम से अनुसंधान परियोजनाओं पर मिलकर काम करते हुए अनुसंधान को बढ़ावा देने की है।
ना तैयार कर रहा है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय ने अनुसंधान के ऐसे विशेष क्षेत्रों की पहचान करने का निर्णय लिया है, जहां विश्वविद्यालय अनुसंधान के विशिष्ट क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से आसानी से अनुदान प्राप्त कर सकता है।
यह जानकारी आज यहां इंटरनेशनल अफेयर सेल द्वारा कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में ब्रुनल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रतिनिधि डॉ. हरजीत सिंह के साथ आयोजित बैठक में दी गई। इस बैठक का उद्देश्य जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी और ब्रुनल यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग के माध्यम से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर काम करने के संभावनाओं पर चर्चा करना था। बैठक में सभी डीन, विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और निदेशक, इंटरनेशनल अफेयर डाॅ. शिल्पा सेठी भी उपस्थित थी।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि शिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से, विश्वविद्यालय की योजना संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए एक्सचेज प्रोग्राम के माध्यम से अनुसंधान परियोजनाओं पर मिलकर काम करते हुए अनुसंधान को बढ़ावा देने की है।
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