//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद। श्री देव गुरु बृहस्पति सेवक ट्रस्ट के तत्वाधान में बल्लभगढ़ की चावला कॉलोनी स्थित अग्रवाल धर्मशाला में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के तत्वाधान में बीती रात बल्लभगढ़ शहर में कोसीकला की मशहूर खेलती मां काली की झांकी निकाली गई, इससे पूर्व धर्मशाला परिसर में उपस्थित भक्तों को देवी महत्तम का महत्व बताते हुए कहा कि महाराजा दशरथ ने भी देवी यज्ञ किया था उसी के पश्चात उनको राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न तथा बजरंग बली पुत्र स्वरूप प्राप्त हुए थे। कृष्ण स्वा
मी जी महाराज ने कहां की देवी स्वरूप नारी शक्ति ही नहीं बल्कि आत्म शक्ति का प्रतिरूप है जो हमें मोक्ष की तरफ लेकर जाता है।
श्री श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में मां काली के विस्तार से वर्णन के बाद कथा स्थल से एक विशाल खेलती मां काली की शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा चावला कॉलोनी के मुख्य बाजार से होती हुई बल्लभगढ़ के मुख्य बाजार व मोहना रोड होती हुई वापसी अग्रवाल धर्मशाला पर संपन्न हुई। बल्लभगढ़ शहर में पहली बार निकाली गई खेलती हुई मां काली की शोभायात्रा का जगह-जगह लोगों ने जोरदार स्वागत किया तथा अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर मां काली को विराजमान कर उनकी आरती कर प्रसाद चढ़ाया। वही खेलती हुई मां काली की शोभायात्रा को देखने का लोगों में जो उत्साह था, उसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 7:30 बजे शुरू हुई खेलती हुई मां काली की इस शोभायात्रा का समापन रात 12:00 बजे हुआ उस समय भी शहर में लोगों का भारी हजूम मां काली के स्वागत के लिए उमड़ रहा था।
मी जी महाराज ने कहां की देवी स्वरूप नारी शक्ति ही नहीं बल्कि आत्म शक्ति का प्रतिरूप है जो हमें मोक्ष की तरफ लेकर जाता है।
श्री श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में मां काली के विस्तार से वर्णन के बाद कथा स्थल से एक विशाल खेलती मां काली की शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा चावला कॉलोनी के मुख्य बाजार से होती हुई बल्लभगढ़ के मुख्य बाजार व मोहना रोड होती हुई वापसी अग्रवाल धर्मशाला पर संपन्न हुई। बल्लभगढ़ शहर में पहली बार निकाली गई खेलती हुई मां काली की शोभायात्रा का जगह-जगह लोगों ने जोरदार स्वागत किया तथा अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर मां काली को विराजमान कर उनकी आरती कर प्रसाद चढ़ाया। वही खेलती हुई मां काली की शोभायात्रा को देखने का लोगों में जो उत्साह था, उसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 7:30 बजे शुरू हुई खेलती हुई मां काली की इस शोभायात्रा का समापन रात 12:00 बजे हुआ उस समय भी शहर में लोगों का भारी हजूम मां काली के स्वागत के लिए उमड़ रहा था।
No comments :