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फरीदाबाद। भारतीय मजदूर संघ ने अपनी मांगो के साथ-साथ सीएए और एनआरसी के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। बीएमएस हरियाणा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सी बी चैहान के नेतृत्व में सेक्टर 12 टाउन पार्क से लघुसचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए बीएमएस ने सीएए और ए
नआरसी का समर्थन किया लेकिन केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया।
सेक्टर-12स्थित लघु सचिवालय पर भारतीय मजदूर संघ के तत्वाधान में नागरिक संसोधन अधिनियम के समर्थन और अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन से पूर्व कर्मचारियों ने सीएए और एनआरसी के समर्थन किया और इसे देशहित में बताया। बीएमएस ने केंद्र सरकार की श्रम निति का विरोध करते हुए अपना एक मांग पत्र भी सौंपा।
बीएमएस ने अपने मांग पत्र में कहा कि कर्मचारियों के लिए एनपी एस को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए, विभिन्न विभागों में ठेका प्रथा तथा निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त कर दैनिक वेतन भोगी, अस्थाई और आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई किया जाए। सरकार अन्य तरीकों से राजस्व उत्पन्न करने के तरीके खोजे, सार्वजनिक क्षेत्रों में कार्यरत ठेका मजदूरों का शोषण बंद हो, बीमार सार्वजनिक उपक्रमों का पुनरोद्धार सुनिश्चित किया जाए, कुछ प्रतिष्ठानों में वेतन पुनरीक्षण नही हुआ उसको तुरंत किया जाए, एफडीआई को केन्द्र सरकार तुरंत बंद करे। वेतन संहिता-2019 को शीघ्र लागू करते हुए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए। ग्रामीण डाक सेवक को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। स्वायत्तशासी संस्थाओं के संचालन के लिए राजस्व का प्राप्त अंशदान सुनिश्चित किया जाए। ईंट-भट्टा पर कार्यरत मजदूरों का बीओसीडब्लू बोर्ड के अंतर्गत पंजीकरण किया जाए।उपरोक्त सभी मांगों को लेकर किए गए धरना-प्रदर्शन में बीएमएस से संबंधित सभी श्रमिक संगठनों के नेता एवं कार्यकर्ताओ ने हजारो की संख्या में भाग लिया।
नआरसी का समर्थन किया लेकिन केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का विरोध किया।
सेक्टर-12स्थित लघु सचिवालय पर भारतीय मजदूर संघ के तत्वाधान में नागरिक संसोधन अधिनियम के समर्थन और अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन से पूर्व कर्मचारियों ने सीएए और एनआरसी के समर्थन किया और इसे देशहित में बताया। बीएमएस ने केंद्र सरकार की श्रम निति का विरोध करते हुए अपना एक मांग पत्र भी सौंपा।
बीएमएस ने अपने मांग पत्र में कहा कि कर्मचारियों के लिए एनपी एस को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए, विभिन्न विभागों में ठेका प्रथा तथा निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त कर दैनिक वेतन भोगी, अस्थाई और आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई किया जाए। सरकार अन्य तरीकों से राजस्व उत्पन्न करने के तरीके खोजे, सार्वजनिक क्षेत्रों में कार्यरत ठेका मजदूरों का शोषण बंद हो, बीमार सार्वजनिक उपक्रमों का पुनरोद्धार सुनिश्चित किया जाए, कुछ प्रतिष्ठानों में वेतन पुनरीक्षण नही हुआ उसको तुरंत किया जाए, एफडीआई को केन्द्र सरकार तुरंत बंद करे। वेतन संहिता-2019 को शीघ्र लागू करते हुए न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए। ग्रामीण डाक सेवक को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। स्वायत्तशासी संस्थाओं के संचालन के लिए राजस्व का प्राप्त अंशदान सुनिश्चित किया जाए। ईंट-भट्टा पर कार्यरत मजदूरों का बीओसीडब्लू बोर्ड के अंतर्गत पंजीकरण किया जाए।उपरोक्त सभी मांगों को लेकर किए गए धरना-प्रदर्शन में बीएमएस से संबंधित सभी श्रमिक संगठनों के नेता एवं कार्यकर्ताओ ने हजारो की संख्या में भाग लिया।
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