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फरीदाबाद के जे.सी. बोस वाईएमसीए विश्वविद्यालय में 5 दिवसीय 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2020) की शुरूआत हो चुकी है, जिसका शुभारंभ करने के लिये यूजीसी के पूर्व चेयरमैन डाॅ. वेद प्रकाश मुख्य अतिथि के रूप में मौ
जूद रहे। इनके अलावा, एनआईटी श्रीनगर के निदेशक डाॅ राकेश सहगल और डेकेन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ कंवलजीत जावा भी मौजूद रहे। जिनके पहुंचने पर यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. दिनेश कुमार ने गुलदस्ते और शाॅल भेंटकर भव्य स्वागत किया। सम्मेलन में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अलावा अमेरिका, साउथ कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, ईरान, जापान, जर्मनी, ईरान, नाइजीरिया, साउदी अरब तथा म्यांमार सहित करीब 15 देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा लेने पहुंचे। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों तथा विदेशों से लगभग 400 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हंै। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाली 11 तकनीकी सत्रों में लगभग 400 शोधकर्ताओें के 200 से ज्यादा शोध पत्र रखे जायेंगे। जो कि मुख्यः रूप से ऊर्जा एवं ताप प्रणाली में उन्नति, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिजाइन एवं विश्लेषण, सिविल एवं एनवायरमेंट इंजीनियरिंग, प्रोड्क्शन एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य विषयों पर होंगे।
जूद रहे। इनके अलावा, एनआईटी श्रीनगर के निदेशक डाॅ राकेश सहगल और डेकेन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ कंवलजीत जावा भी मौजूद रहे। जिनके पहुंचने पर यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. दिनेश कुमार ने गुलदस्ते और शाॅल भेंटकर भव्य स्वागत किया। सम्मेलन में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अलावा अमेरिका, साउथ कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, ईरान, जापान, जर्मनी, ईरान, नाइजीरिया, साउदी अरब तथा म्यांमार सहित करीब 15 देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा लेने पहुंचे। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों तथा विदेशों से लगभग 400 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हंै। सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाली 11 तकनीकी सत्रों में लगभग 400 शोधकर्ताओें के 200 से ज्यादा शोध पत्र रखे जायेंगे। जो कि मुख्यः रूप से ऊर्जा एवं ताप प्रणाली में उन्नति, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिजाइन एवं विश्लेषण, सिविल एवं एनवायरमेंट इंजीनियरिंग, प्रोड्क्शन एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य विषयों पर होंगे।
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