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फरीदाबाद 16 जनवरी हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन ने सेक्टर 17 में सिंचाई विभाग के कार्यालय को तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की। यहां से जारी एक बयान में यूनियन के जिला प्रधान अतर सिंह
, और पूर्व राज्य प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि सेक्टर 17 में एच एसएमआईटीसी का कार्यालय और वर्कशॉप थी। पूर्ववर्ती चौटाला सरकार के कार्यकाल वर्ष 1993 में सरकार ने हरियाणा लघु सिंचाई निगम लिमिटेड को बंद कर दिया। इस विभाग के कार्यालयों और वर्कशॉप की देख रेख की जिम्मेवारी सिंचाई विभाग को सौंप दी गई थी। यहां पर सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपए की मशीनरी और कार्यकारी अभियंता का कार्यालय की बिल्डिंग थी। इस वर्कशॉप और कार्यालय की इमारत को वन विभाग के डीएफओ और रेंज ऑफिसर ने तोड़ दिया है। इस भवन का निर्माण 1970 में हुआ था। यहां पर एच एस एम आई टी सी के सैकड़ों कर्मचारी काम करते थे। विभाग की करोड़ों रुपए की मशीनरी यहां पर थी। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इस भवन को तोड़ गया है । यूनियन ने विभाग से इस तोड़फोड़ की कार्रवाई को करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करके उनको गिरफ्तार करने की मांग की। इन अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी संपत्ति को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई भी की जाए है। क्योंकि सभी प्रकार की सामग्री यहां से निकालकर बेच दी गई है। इस भवन की इट ,लोहा ,गाटर और सभी सामान वन विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों को देकर मोटी रकम ले ली है। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
, और पूर्व राज्य प्रधान वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि सेक्टर 17 में एच एसएमआईटीसी का कार्यालय और वर्कशॉप थी। पूर्ववर्ती चौटाला सरकार के कार्यकाल वर्ष 1993 में सरकार ने हरियाणा लघु सिंचाई निगम लिमिटेड को बंद कर दिया। इस विभाग के कार्यालयों और वर्कशॉप की देख रेख की जिम्मेवारी सिंचाई विभाग को सौंप दी गई थी। यहां पर सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपए की मशीनरी और कार्यकारी अभियंता का कार्यालय की बिल्डिंग थी। इस वर्कशॉप और कार्यालय की इमारत को वन विभाग के डीएफओ और रेंज ऑफिसर ने तोड़ दिया है। इस भवन का निर्माण 1970 में हुआ था। यहां पर एच एस एम आई टी सी के सैकड़ों कर्मचारी काम करते थे। विभाग की करोड़ों रुपए की मशीनरी यहां पर थी। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इस भवन को तोड़ गया है । यूनियन ने विभाग से इस तोड़फोड़ की कार्रवाई को करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करके उनको गिरफ्तार करने की मांग की। इन अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी संपत्ति को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई भी की जाए है। क्योंकि सभी प्रकार की सामग्री यहां से निकालकर बेच दी गई है। इस भवन की इट ,लोहा ,गाटर और सभी सामान वन विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों को देकर मोटी रकम ले ली है। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
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