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फरीदाबाद. एनआईटी-4 नंबर स्थित केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्तालय ने जिले में 41 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया है। ये कंपनियां फर्जी कागजातों के आधार पर फर्म बनाकर सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने की फिराक में थीं। सीजीएसटी आयुक्तालय की विशेष जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद इन सभी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इनके रिफंड को भी ब्लॉक कर दिया गया है। साथ ही इनके खिलाफ अन्य कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। एनआईटी-4 स्थित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर आयुक्तालय के निर्देश पर विशेष जांच अभियान चलाया गया। अधिकारियों के अनुसार करीब एक माह तक चलाए गए इस जांच अभियान में सीमा शुल्क कार्यालय की सूचना पर 71 निर्यातकों के कागजातों की जांच की गई।
इसमें करीब 41 कंपनियों द्वारा बिना सामान खरीद-फरोख्त के ही फर्जी बिलों के आधार पर सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने के मामले का खुलासा हुआ। इनके दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि इन्होंने केवल कागजी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपए का आईजीएसटी रिफंड पाने के लिए बिना कोई वास्तविक कारोबार किए फर्जीवाड़ा किया है।
इसके अलावा इन निर्यातकों के जीएसटी पोर्टल पर घोषित व्यापार के पते भी फर्जी पाए गए। इनमें कुछ निर्यातक ऐसे भी शामिल हैं, जिन्होंने अन्य व्यक्तियों के दस्तावेजों पर कंपनियां खोली हुई हैं।
कंपनी खोलने के साथ ही इनका कारोबार शुरुआती महीनों में ही करोड़ों रुपए का पहुंच गया। इसके अतिरिक्त जीएसटी पोर्टल एवं कस्टम कार्यालयों में अलग-अलग बैंक खातों को तुरंत प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया। इस संबंध में केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय के संयुक्त आयुक्त क्षितींद्र वर्मा ने बताया कि सीजीएसटी आयुक्तालय के निर्देश पर निर्यातकों की व्यापक स्तर पर जांच की गई।
इसमें 41 कंपनियां फर्जी पाई गईं। ये निर्यातक इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने की फिराक में थी। विभाग ने इनके विभिन्न बैंक खातों को तुरंत प्रभाव से फ्रीज कर दिया है। इसके साथ ही इनकी धरपकड़ भी शुरू कर दी गई है।
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