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1996 से पलवल को नहीं मिला मंत्रीमंडल में कोई स्थान

Posted by : pramod goyal on : Thursday 14 November 2019 0 comments
pramod goyal
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पलवल़ । इस बार भी पलवल जिला मंत्रीमंडल से अछूता रह गया। पलवल जिले की तीनों सीटों पर पहली बार कमल खिला था, लेकिन इसके बावजूद पलवल को मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया। यह कयास लगाए जा रहे थे कि पलवल से इस बार भाजपा
के तीनों विधायकों में से एक को मंत्री अवश्य बनाया जायेगा। जिसमें दीपक मंगला नाम वैश्य नेता के रूप में अधिक चर्चित था और मंगला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी भी माने जा रहे थे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका।


वर्ष 1996 से पलवल को मंत्रीमंडल में कोई स्थान नहीं मिला है। 1996 पलवल से हविपा टिकट पर चुनाव जीते तीनों विधायक कर्ण दलाल, हर्ष कुमार और जगदीश नायर मंत्री बने थे। लेकिन तब से अब तक कोई भी यहां से मंत्री नही बन पाया है। 2009 में कर्ण दलाल मंत्री बन सकते थे। लेकिन वे चुनाव हार गए और इनेलों टिकट पर यहां से सुभाष चौधरी चुनाव जीत गए। 2014 में कर्ण दलाल पलवल से चुनाव तो जीत गए, लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बन गई। इस बार भी पलवल जिले के भाज्य में मंत्री मिलना नहीं था। 2019 मे हुए चुनाव में पलवल जिले की तीनों सीटों पर भाजपा का कमल तो खिला, लेकिन यह मंत्रीमंडल की दौड में पिछड गया। फरीदाबाद लोकसभा की 9 सीटों में से सात पर भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए, लेकिन मंत्री पद पर केवल बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा ही आसीन हो पाएं। लम्बे अरसे पलवल जिले को मंत्रीमंडल में जगह न मिलने से जहां यहां के नेता मायूस है, वहीं जनता भी निराश है।

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