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फरीदाबाद। भाजपा ने जिस तरह हरियाणा में अधिकांश नए चेहरों को विधानसभा चुनाव में उतार एक नया प्रयोग कर तो लिया, लेकिन यह अब पार्टी प्रत्याशियों पर भारी पड़ रहा है। ऐसे प्रत्याशियों को अपनी जीत शुनिश्चित करने के लिए अब केवल मोदी लहर का ही आसरा है। फरीदाबाद सीट से केबीनेट मंत्री विपुल गोयल का टिकट काटकर पार्टी ने नए चेहरे नरेन्द्र गुप्ता पर दाव खेला है। लेकिन नरेन्द्र गुप्ता राजनैतिक रूप से लोगों के लिए बिलकुल नए है। इससे पहले वे न तो कोई पार्षद व विधायक का चुनाव लड़े है और न ही राजनीति में सक्रिय रहे है। जबकि विपुल गोयल को अगर टिकट फिर से मिलती उनकी जीत शुनिश्चित समझी जा रही थी। पेशे से उधोगपति नरेन्द्र गुप्ता की यह सीट अब मुकाबले में फस गई है। इसी प्रकार बडख़ल भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक सीमा त्रीखा के प्रति क्षेत्र के लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों की यह नाराजगी अगर वोट के रूप में सामने आ गई तो यह सीट भी भाजपा गंवा सकती है। क्योंकि कांग्रेस ने इस बार यहां से युवा उम्मीदवार विजय प्रताप को मैदान में उतारा है। जिसके बारे में कोई नकारात्मक सौच अभी जनता में नहीं बनी है। पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप के पुत्र विजय प्रताप भी लोगों के बीच जाकर विधायक सीमा के प्रति नाराजगी को ही अधिक भुनाने का प्रयास कर रहे है। एनआईटी विधानसभा सीट पर भाजपा ने इनेलों टिकट पर चुनाव जीतकर पार्टी में शामिल हुए नगेन्द्र भडाना पर दाव खेला है। यह दाव भी अगर सही नहीं पड़ा तो भाजपा इस सीट पर भी कड़े मुकाबले में फंस सकती है। नगेन्द्र भडाना के प्रति क्षेत्र के लोगों में बहुत नाराजगी है। जबकि कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री शिवचरण शर्मा के पुत्र एवं युवा नेता नीरज शर्मा को उतारा है। शिवचरण शर्मा की अपने क्षेत्र पर अच्छी पकड़ रही है। 2014 में निर्दलीय तौर पर चुनाव लडक़र वे मात्र 2900 मतों से ही हारे थे।
अब अगर मोदी लहर चल गई तो इन उम्मीदवारों की नैया पार लग सकती है। वरना किसी सुनामी में डूब भी सकती है।
अब अगर मोदी लहर चल गई तो इन उम्मीदवारों की नैया पार लग सकती है। वरना किसी सुनामी में डूब भी सकती है।
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