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फरीदाबाद। फरीदाबाद लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। कहीं कांग्रेस प्रत्याशी भारी पढ़ते नजर आ रहे तो कहीं कांग्रेस का पलडा भारी है। अभी तक चुनावी रूझान से पता चल रहा है कि लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में से चार भाजपा और चार ही कांग्रेस को जाती नजर आ रही है। जबकि एक पर निर्दलीय उम्मीदवार अपनी बढ़त बनाये हुए है। कुल मिलाकर यह कहां जाये कि विधानसभा चुनाव में लहर किसी की नहीं है। कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र के सामने भाजपा के राष्ट्रीय मुद्दे गोण नजर आ रहे है। हालांकि लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद के मतदाताओं ने खुले मन से भाजपा को वोट देकर हरियाणा में सबसे अधिक मतों से कृष्णपाल गुर्जर को का विजय दिलाई थी। लेकिन विधानसभा चुनावों में एक तो प्रत्याशी का मुखोटा और दूसरा प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्य अधिक महत्व रखते है। इस बार जहां भााजपा ने कई नए प्रत्याशियों पर दाव खेला है, वही कांग्रेस ने भी युवा उम्मीदवारों को मौका देकर यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि कांग्रेस भी किसी से पीछे नहीं है। भाजपा के दिज्गज नेताओं से लेकर स्वयं प्रधानमंत्री ने हरियाणा में चुनावी प्रचार जोर शोर से किया। लेकिन कांग्र्रेस के बडे नेताओं के अधिक चुनाव प्रचार करने के बावजूद लोग मंदी और बेराजगारी जैसे मुद्दों को नहीं भुल पा रहे है। पिछले लोकसभा चुनाव में जब मोदी की जबरदस्त लहर थी, उस समय भी भाजपा लोकसभा क्षेत्र की 9 में से केवल चार सीटे ही मिली थी। ऐसा ही अनुमान अब भी जताया जा रहा है। कल मतदान होने के बाद स्थिति और अधिक स्पष्ट हो जायेगी कि फरीदाबाद में कोन किसी पर और कितना भारी है।
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