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नागर को नागर मारे या फिर मारे करतार, कुछ ऐसा ही हो रहा तिगांव विधानसभा क्षेत्र में

Posted by : pramod goyal on : Saturday 12 October 2019 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद।   नागर को नागर मारे या फिर मारे करतार, कुछ ऐसा ही हो रहा तिगांव विधानसभा क्षेत्र में । जी हां हम बात कर रहे है तिगांव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजेश नागर की। जिन्हे दूसरे दलों के उम्मीदवारों से इतना खतरा नहीं है। जितना अपनी ही पार्टी के दिज्गज नेताओं से है। विपुल गोयल टीम के अहम हिस्सा रहे राजेश नागर तिगांव से भाजपा टिकट पाने में किसी तरह कामयाब तो हो गए। लेकिन उन्हे अब पुत्र मोह में फसे नेताजी से ही अधिक खतरा है, जो नहीं चाहते कि इस सीट पर राजेश नागर अगर जीत गए तो उनका कब्जा बरकरार हो जायेगा। फिर उनके परिवार के लिए इस सीट पर टिकट मांगना उतना आसान नहीं होगा। सभी राजनैतिक व गैर राजनैतिक लोग समझ ही गए होगें कि हम किन नेताजी की बात कर रहे। अपने  पुत्र के लिए इस विधानसभा से टिकट मांग रहे नेताजी अन्दर से आहत है और उपर से विपुल गोयल के करीबी रहे राजेश नागर को हराना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है। राजनैतिक लोगों का कहना है कि बसपा टिकट पर खडे महाशय भी इन्ही नेताजी  की देन थे, जो बाद में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में बैठ गए। इससे साफ जाहिर होता कि राजनीति किस कदर गंदे मोड पर पंहुच चुकी है। एक तो भाजपा ने कद्दावर नेता विपुल गोयल और पृथला से नयनपाल रावत की टिकट काटकर पहले गलत संदेश दे दिया और उपर से पार्टी के नेता अपने ही उम्मीदवारों के गड्डा खोदने में लगे है।




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