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निगम की आयुक्त सेानल गोयल ने किया शक्तियों का विकेन्द्रीकरण

Posted by : pramod goyal on : Monday 23 September 2019 0 comments
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फरीदाबाद, 23 सितम्बर। फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त सेानल गोयल ने जनता और निगम कर्मचारियों से संबधित समस्याओं के तेजी से निवारण करने के लिए  प्रशासनिक दृष्टि से एक बड़ा निर्णय लेते हुए अपने को प्रदत्त अनेकों शक्तियों का विकेन्द्रीकरण करते हुए इनके निर्वहन करने की शक्तियां निगम के अतिरिक्त आयुक्त विक्रम और निगम सचिव जितेन्द्र दहिया को प्रदत्त की है।  हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा  49 के साथ पठित धारा 401 (2) के प्रावधानों के तहत निग्मायुक्त ने ये निर्णय लिया है। ये दोनों भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।  निग्मायुक्त  श्रीमती गोयल का कहना है कि सबसे बड़ा शहर होने के कारण फरीदाबाद में जनता से जुड़ी हुई समस्यायें भी अधिक होती हैं, अतः जनहित में जन शिकायतों के निवारण में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा निगम में नियुक्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को भी कुछ अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसके इलावा अधीनस्थ अधिकारियों को भी आदेश दिये हैं कि वे नीतिगत मामलों को छोड़कर अपनी अपनी शाखाओं से संबधित मामले इन अधिकारियों के माध्यम से ही निपटायें।
श्रीमती सोनल गोयल के अनुसार शक्तियों के विकेन्द्रीकरण के इस निर्णय से पूर्व इन सभी मामलों से संबधित फाइलें निग्मायुक्त तक जाती थी और इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, लेकिन अब ये कार्य बड़ी सुगमता व तीव्रता से होंगे जिससे निश्चित तौर से नगर निगम, आम नागरिकों व कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
        गत 20 सितम्बर को जारी किये गये आदेशों के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन, सफाई, खुले में शौच मुक्त अभियान, अवारा पशुओं और बंदरों को पकड़ने से संबधित कार्य की समीक्षा और निगरानी, सभी प्रकार के करों व शुल्क की वसूली करने की समीक्षा और निगरानी, आई.टी. सैल, संपति कर, विकास शुल्क, ट्रेड लाईसेंस, पानी व सीवर चार्जिज सहित सभी प्रकार की सेवाओं के आनलाईन करने के कार्य को पूरा करने, निगम के तीनों जोनों के जन सुविधा केन्द्रों की निगरानी करने की जिम्मेदारी अतिरिक्त आयुक्त को दी गई है। निगम से संबधित सभी प्रकार के मामलों की निगरानी, पूरे निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की निगरानी, केन्द्र व राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता सर्वेक्षण, 2019, नंदीशाला और गौशलाओं के रखरखाव, आधुनिक बूचड़खानों की निगरानी, जल शक्ति अभियान, वायु प्रदूषण की रोकथाम और एन.जी.टी से संबधित मामलों के देखरेख की शक्तियां भी अतिरिक्त आयुक्त को दी गई है। सी.एम. विंडो, सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों, समीर व सरल पोर्टल से संबधित मामलों की जिम्मेदारी भी इस अधिकारी की होगी।
  इसी प्रकार योजना शाखा, संपदा शाखा, स्थापना शाखा, सी.एम. अनाउसमेंट, जन्म एवं मृत्यु शाखा, उद्यान विभाग, निगम मुख्यालय की मैंटनेंस, सभी अवैध निर्माणों, अवैध सब डिवीजन, अवैध सी.एल.यू., अवैध कब्जे और इससे संबधित सभी कार्यों की समीक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी निगम सचिव जितेन्द्र दहिया को सौंपी गई है। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को   जी.पी.एफ. स्वीकृत करने, लीव इन्कैशमेंट, ग्रेच्युटी, रिटायरमेंट लाभों के भुगतान की स्वीकृति देने, ए.सी.पी. व पैंशन संबधित मामलों को स्वीकृत करने, वार्षिक वेतन वृद्धि देने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति मामले, शादी के लिए ऋण, गेहूं क्रय करने के लिए दिये जाने वाले एडवांस, शिक्षा भत्ता, एल.टी.सी. व टी.ए. स्वीकृत करने और असाधारण अवकाश स्वीकृत करने की शक्तियां भी निगम सचिव को दी गई है।
निग्मायुक्त ने संयुक्त आयुक्तों, मुख्य अभियंताओं, कार्यकारी अभियंताओं, स्वास्थ्य अधिकारी, आफिसर इंचार्ज एकाउंटस, जिला न्यायवादी और अन्य विभागाध्यक्षों को भी कुछेक सीमा व शर्तों के साथ उनके विभाग से संबधित मामलों को स्वीकृत करने व उनकी निगरानी की शक्तियां प्रदान की है।


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