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फरीदाबाद। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित वर्ल्ड हार्ट डे पर अंग्रेजी प्रवक्ता रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि वि
श्व हृदय दिवस मनाने की शुरूआत सन 2000 में की गई थी। इसकी शुरूआत के समय यह तय किया गया था, कि हर साल सितंबर माह के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा। लेकिन 2014 में इसके लिए एक तारीख निर्धारित कर दी गई, जो 29 सितंबर थी, तभी से प्रतिवर्ष 29 सितंबर के दिन विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है विद्यालय के जे आर सी तथा एस जे ए बी अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि पूरी दुनिया में दिल के दौरे से हर वर्ष 1 करोड़ से भी अधिक लोगों की मौत हो जाती है, और इनमें से 50 प्रतिशत लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। अत: हृदय रोग मौत की एक अहम वजह बन चुका है, जिसके लिए जागरूकता का होना बेहद आवश्यक है। यदि आप चाहते है कि आप का दिल सही प्रकार से धड़कता रहे तो आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन अन्य कार्यों की तरह ही व्यायाम के लिए भी समय निकालें। सुबह और शाम के समय पैदल चलें या सैर पर जाएं।ताजे फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें, तनावमुक्त जीवन जिएं, तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान के द्वारा इस पर नियंत्रण करें। धूम्रपान का सेवन बिल्कुल बंद कर दें, यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है। स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें। निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, हाइपरटेंशन, मधुमेह, अधिक धूम्रपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन - आदि से ऐसे लोगों को अधिक ख़तरा होता है, जिनका कोलेस्ट्रोल, ट्राईग्लिसराइड और वीएलडीएल, एलडीएल अधिक होता है। मनचंदा ने कहा कि जीवन अनमोल है इसलिए अपने लिए, अपनों के लिए अपने दिल का विशेष ध्यान रखें। आज जे आर सी व एस जे ए बी के सदस्यों नीतू कक्षा ग्यारह एफ, कोमल कक्षा बारह एवम् कीर्ति और मोहिनी ने इतनी आकर्षक और संदेशप्रद रंगोली बना कर दिल का दिल से ध्यान रखने का परामर्श दिया। इस अवसर पर प्राचार्या नीलम कौशिक, रविन्द्र कुमार मनचंदा, रेनू शर्मा, विनोद बैसला और मंजीत सिंह ने भी बच्चों का स्वस्थ जीवन शैली द्वारा दिल का ख्याल रखने के लिए जागरूक करने के लिए जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड का आभार व्यक्त किया।
श्व हृदय दिवस मनाने की शुरूआत सन 2000 में की गई थी। इसकी शुरूआत के समय यह तय किया गया था, कि हर साल सितंबर माह के अंतिम रविवार को विश्व हृदय दिवस मनाया जाएगा। लेकिन 2014 में इसके लिए एक तारीख निर्धारित कर दी गई, जो 29 सितंबर थी, तभी से प्रतिवर्ष 29 सितंबर के दिन विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है विद्यालय के जे आर सी तथा एस जे ए बी अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि पूरी दुनिया में दिल के दौरे से हर वर्ष 1 करोड़ से भी अधिक लोगों की मौत हो जाती है, और इनमें से 50 प्रतिशत लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। अत: हृदय रोग मौत की एक अहम वजह बन चुका है, जिसके लिए जागरूकता का होना बेहद आवश्यक है। यदि आप चाहते है कि आप का दिल सही प्रकार से धड़कता रहे तो आपको चाहिए कि आप प्रतिदिन अन्य कार्यों की तरह ही व्यायाम के लिए भी समय निकालें। सुबह और शाम के समय पैदल चलें या सैर पर जाएं।ताजे फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें, तनावमुक्त जीवन जिएं, तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान के द्वारा इस पर नियंत्रण करें। धूम्रपान का सेवन बिल्कुल बंद कर दें, यह हृदय के साथ ही कई बीमारियों का कारक है। स्वस्थ शरीर और दिल के लिए भरपूर नींद लें। निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, हाइपरटेंशन, मधुमेह, अधिक धूम्रपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन - आदि से ऐसे लोगों को अधिक ख़तरा होता है, जिनका कोलेस्ट्रोल, ट्राईग्लिसराइड और वीएलडीएल, एलडीएल अधिक होता है। मनचंदा ने कहा कि जीवन अनमोल है इसलिए अपने लिए, अपनों के लिए अपने दिल का विशेष ध्यान रखें। आज जे आर सी व एस जे ए बी के सदस्यों नीतू कक्षा ग्यारह एफ, कोमल कक्षा बारह एवम् कीर्ति और मोहिनी ने इतनी आकर्षक और संदेशप्रद रंगोली बना कर दिल का दिल से ध्यान रखने का परामर्श दिया। इस अवसर पर प्राचार्या नीलम कौशिक, रविन्द्र कुमार मनचंदा, रेनू शर्मा, विनोद बैसला और मंजीत सिंह ने भी बच्चों का स्वस्थ जीवन शैली द्वारा दिल का ख्याल रखने के लिए जागरूक करने के लिए जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड का आभार व्यक्त किया।
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