HEADLINES


More

क्या युवा नेता विजय प्रताप दे सकते है बडखल में भाजपा उम्मीदवार को कड़ी टक्कर?

Posted by : pramod goyal on : Sunday 22 September 2019 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद।   हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही सभी दलों के नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जोर अजमाईस में लग गए है। हालांकि आप को छोडकर अभी तक भाजपा व कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। लेकिन फिर भी विधायक और पूर्व विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जनसम्र्पक अभियान चलाए हुए है। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए बडखल विधानसभा क्षेत्र से 2009 में कांग्रेस की टिकट पर महेन्द्र प्रताप चुनाव जीते थे। इसके बाद 2014 में मोदी लहर में भाजपा उम्मीदवार सीमा त्रीखा महेन्द्र प्रताप को हराकर विधायक बनी। अब इस क्षेत्र से जहां वर्तमान विधायक होने के कारण सीमा त्रीखा की टिकट फिर से पक्की मानी जा रही है, वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिज्गज नेता महेन्द्र प्रताप सिंह बडखल से अपने पुत्र विजय प्रताप को चुनावी समर में उतारने का मन बनाए हुए है। हालांकि विजय प्रताप के लिए यह पहला विधानसभा चुनाव होगा।  लेकिन अपने पिता महेन्द्र प्रताप सिंह की चुनावी कमान संभालने वाले विजय प्रताप को जहां यह मालूम है कि चुनावी गणित कहां और कैसे बैठाना है, वहीं युवाओं की टीम उनके साथ है। भाजपा विधायक सीमा त्रीखा को इस बार बडखल से अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की खिलाफत का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि बडखल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता उन्हे टिकट न देने के लिए मंत्री से लेकर भाजपा हाईकमान के सामने अपना विरोध दर्ज करा चुके है। लोकसभा में भाजपा ने हरियाणा से बेशक सभी दस सीटों पर विजय हासिल की थी। लेकिन विधानसभा चुनावों में स्थानीय मुद्दे अधिक हावी है। मंहगाई, बेरोजगारी और व्यापार व उधोगों में मंदी की मार से व्यापारी ही नहीं मजदूर वर्ग के लोग भी त्रस्त है। इसलिए कांग्रेस सहित दूसरी राजनैतिक पार्टी इन्हे मुद्दा बनाने से नहीं चूकेंगी। अढाई लाख से अधिक बडखल विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र, आठ गांवों के अलावा स्लम क्षेत्र भी है। जहां वोटों का धु्रवीकरण हो सकता है। भाजपा में अधिक उम्मीदवारों की संख्या पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि टिकट तो केवल एक को ही मिलेगी और शेष नाराज होकर बागी हो सकते या फिर निर्दलीय तौर पर चुनाव लडक़र भाजपा का चुनावी गणित गडबडा सकते है।




No comments :

Leave a Reply