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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में 700 से ज्यादा विद्यार्थियों ने लिया ध्यान सत्र में हिस्सा

Posted by : pramod goyal on : Monday 2 September 2019 0 comments
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फरीदाबाद, 2 सितम्बर - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आयोजित अनिवार्य इंडक्शन कार्यक्रम में विद्यार्थी बढ़-चढकर हिस्सा ले रहे है। विश्वविद्यालय में नये बीटेक विद्यार्थियों के लिए तीन सप्ताह का इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास एवं मानसिक तनाव से मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करने के लिए स्टूडेंट एक्सीलेंस एंड लर्निंग प्रोग्राम (एसईएलपी) के अंतर्गत
छह दिवसीय योग एवं ध्यान (मेडिटेशन) सत्र आयोजित किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग के योग और मेडिटेशन विशेषज्ञों द्वारा करवाये गये नियमित ध्यान सत्रों में 700 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
एसईएलपी के समापन सत्र में कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने भी हिस्सा लिया तथा विद्यार्थियों को स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए योग और ध्यान को अपने नियमित जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया।
समापन सत्र में विद्यार्थियों ने छह दिवसीय कार्यक्रम के दौरान सीखे योग और ध्यान कौशल का प्रदर्शन भी किया। छह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन व समन्यवन डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. सोनिया बंसल द्वारा किया गया था। डीन छात्र कल्याण डा. नरेश चैहान की देखरेख में आयोजित किये जा रहे अनिवार्य इंडक्शन कार्यक्रम में इंजीनियरिंग विभागों की भी सक्रिय भागीदारी है। 
ध्यान सत्र के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग, फरीदाबाद चैप्टर से प्रमाणित योग और प्रशिक्षक प्रीक्षा भारद्वाज ने विद्यार्थियों के साथ आत्म जागरूकता, अनुशासन तथा ध्यान के महत्व को साझा किया। सत्र को डा. सोनिया बंसल ने संबोधित किया।
उल्लेखनीय है कि स्टूडेंट एक्सीलेंस एंड लर्निंग प्रोग्राम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् तथा व्यक्ति विकास केन्द्र द्वारा डिजाइन और अनुशंसित मॉड्यूल है, जिसे टीईक्यूआईपी-3 द्वारा वित्त पोषित किया गया है। यह कार्यक्रम व्यक्तित्व को विकसित करने, मानसिक तनाव को खत्म करने और छात्रों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। इस प्रकार विद्यार्थी के अकादमिक प्रदर्शन को बढ़ाने और उनके कौशल को विकसित करने में मदद मिलती है, जो जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
देश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए गुणवत्ता उपायों के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा अनिवार्य इंडक्शन प्रोग्राम लागू किया गया है, जिसके तहत परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग संस्थानों में अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन अनिवार्य है। इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षण संस्थान द्वारा अकादमिक सत्र के पहले तीन सप्ताह के दौरान किया जाता है। 

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