//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद। आगरा से दिल्ली की ओर आ रही तेलंगाना एक्सप्रेस रेलगाडी में पलवल और फरीदाबाद बीच मलेरना गांव के पास करीब 7 बजकर 4
0 मिनट पर आग लग गई, आग लगने का कारण रसोईयान में गैस लीक होने की वजह बताई जा रही है। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस बल, रेलवे विभाग और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, कई घंटों बाद कडी मशक्कत से दर्जनभर दमकल की गाडियों ने आग पर काबू पाया, गनीमत रही कि किसी भी यात्री के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। क्योंकि जिन दो बोगियों में आग लगी थी उनमें करीब 500 यात्री बैठे हुए थे। कुछ ही देर में आग ने उन बोगियों को अपनी चपेट में ले लिया और धंू- धूं कर दोनों बोगियां जलकर खाक हो गई।
लगातार हो रहे हादसों से भी रेल विभाग ने कुछ नहीं सीखा है, जिसका एक उदाहरण आज फिर से उस वक्त देखा गया जब आगरा से दिल्ली की ओर आ रही तेलंगाना एक्सप्रेस रेलगाडी में पलवल और फरीदाबाद बीच मलेरना गांव के पास करीब 7 बजकर 40 मिनट पर आग लग गई, इस आग के बाद रेल विभाग के कर्मचारियों के पास आग पर काबू पाने के और न ही जिन बोगियों आग लगी उन बोगियों को अलग करने के लिये कोई यंत्र थे, यात्रियों ने खुद ब खुद एक दूसरे की मदद करते हुए सभी की जान बचाई और आग वाली दोनों बोगियों को पूरी ट्रेन से अलग किया। यात्रियों की मदद आसपास खेतों में काम करने वाले किसानों ने भी
0 मिनट पर आग लग गई, आग लगने का कारण रसोईयान में गैस लीक होने की वजह बताई जा रही है। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस बल, रेलवे विभाग और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, कई घंटों बाद कडी मशक्कत से दर्जनभर दमकल की गाडियों ने आग पर काबू पाया, गनीमत रही कि किसी भी यात्री के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। क्योंकि जिन दो बोगियों में आग लगी थी उनमें करीब 500 यात्री बैठे हुए थे। कुछ ही देर में आग ने उन बोगियों को अपनी चपेट में ले लिया और धंू- धूं कर दोनों बोगियां जलकर खाक हो गई।
लगातार हो रहे हादसों से भी रेल विभाग ने कुछ नहीं सीखा है, जिसका एक उदाहरण आज फिर से उस वक्त देखा गया जब आगरा से दिल्ली की ओर आ रही तेलंगाना एक्सप्रेस रेलगाडी में पलवल और फरीदाबाद बीच मलेरना गांव के पास करीब 7 बजकर 40 मिनट पर आग लग गई, इस आग के बाद रेल विभाग के कर्मचारियों के पास आग पर काबू पाने के और न ही जिन बोगियों आग लगी उन बोगियों को अलग करने के लिये कोई यंत्र थे, यात्रियों ने खुद ब खुद एक दूसरे की मदद करते हुए सभी की जान बचाई और आग वाली दोनों बोगियों को पूरी ट्रेन से अलग किया। यात्रियों की मदद आसपास खेतों में काम करने वाले किसानों ने भी
No comments :