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फरीदाबाद, 13 अगस्त - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों की कड़ी में ‘हरियाली पर्व’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना है। ‘हरियाली पर्व’ के अंतर्गत विश्वविद्यालय का लक्ष्य 550 पौधे लगाना तथा उनकी देखभाल सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिने
श कुमार ने कहा कि गुरु नानक देव जी भारत के महान दार्शनिकों, शिक्षकों और समाज सुधारकों में से एक थे, जिन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज को प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी वाणी में निहित संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी ने अपनी बाणी में प्रकृति के संरक्षण की बात कही है।
कुलपति ने पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ‘ग्रीन पुलिसिंग’ की तर्ज पर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का परिसर मात्र 20 एकड़ का है, जिसे पूर्णतः ‘हरित परिसर’ के रूप में विकसित करना चुनौतीपूर्ण नहीं है। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण विज्ञान विभाग विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नियम बनाये और उनकी अनुपालना को सुनिश्चित बनाने के लिए वित्तीय दंड जैसे प्रावधान भी रखे जाये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार से प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग न हो। विश्वविद्यालय में कचरा प्रबंधन तथा वर्षा जल संचयन की प्रणाली को भी दुरूस्त बनाया जाये।
कुलपति ने कहा कि पौधे को लगाने से ज्यादा अहम उनकी देखभाल है। इसलिए, जितने भी पौधे विश्वविद्यालय परिसर में लगाये जाये, उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की क्षमता के अनुरूप विश्वविद्यालय चार हजार से ज्यादा पौधों की देखभाल को सुनिश्चित बना सकता है, जिसके लिए विद्यार्थियों को पहल करनी होगी। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर कविताएं एवं भाषण प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के समापन पर सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. दिने
श कुमार ने कहा कि गुरु नानक देव जी भारत के महान दार्शनिकों, शिक्षकों और समाज सुधारकों में से एक थे, जिन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से समाज को प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी वाणी में निहित संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी ने अपनी बाणी में प्रकृति के संरक्षण की बात कही है।
कुलपति ने पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ‘ग्रीन पुलिसिंग’ की तर्ज पर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का परिसर मात्र 20 एकड़ का है, जिसे पूर्णतः ‘हरित परिसर’ के रूप में विकसित करना चुनौतीपूर्ण नहीं है। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि पर्यावरण विज्ञान विभाग विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नियम बनाये और उनकी अनुपालना को सुनिश्चित बनाने के लिए वित्तीय दंड जैसे प्रावधान भी रखे जाये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार से प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग न हो। विश्वविद्यालय में कचरा प्रबंधन तथा वर्षा जल संचयन की प्रणाली को भी दुरूस्त बनाया जाये।
कुलपति ने कहा कि पौधे को लगाने से ज्यादा अहम उनकी देखभाल है। इसलिए, जितने भी पौधे विश्वविद्यालय परिसर में लगाये जाये, उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की क्षमता के अनुरूप विश्वविद्यालय चार हजार से ज्यादा पौधों की देखभाल को सुनिश्चित बना सकता है, जिसके लिए विद्यार्थियों को पहल करनी होगी। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर कविताएं एवं भाषण प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के समापन पर सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई।
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