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फरीदाबाद में पहले ‘वर्चुअल कोर्ट’ की शुरूआत

Posted by : pramod goyal on : Sunday 18 August 2019 0 comments
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फरीदाबाद,। -न्यायालयों के एक नए युग की शुरुआत में फरीदाबाद में पहले ‘वर्चुअल कोर्ट’ की शुरूआत हो शनिवार से
हो गई  पंजाब एवं हरियाणा उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति कृष्णा मुरारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से फरीदाबाद में पहले ‘वर्चुअल कोर्ट’ की शुरूआत की। फरीदाबाद स्थित यह ‘वर्चुअलकोर्ट’ पूरे हरियाणा राज्य के ट्रैफिक चालान के मामलों से निपटेगा। इस ‘वर्चुअल कोर्ट’ का उद्देश्य न्यायालय में विवादी की उपस्थिति को समाप्त करना और मामले कोऑनलाइन निपटाना है।
परियोजना का शुभारंभ करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता फरीदाबाद के साथ बातचीत की और परियोजना केसफल कार्यान्वयन पर बल दिया। इस अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों के अलावा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की कंप्यूटर समिति केअध्यक्ष न्यायमूर्ति डॉरवि रंजन के साथ-साथ समिति के सदस्य न्यायमूर्ति सुरिंदर गुप्ता और न्यायमूर्ति बी.एसवालिया भी उपस्थित थे।
वीडियो कांफ्रेंसके उपरांत इस प्रणाली के संदर्भ में जिला एवं सत्र न्यायधीश दीपक गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि यह परियोजना भारत के सर्वोच्चन्यायालय की -समिति के मार्गदर्शन में शुरू की गई है और इस सॉफ्टवेयर को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसीद्वारा विकसित किया गया है। इस परियोजना के तहत, ‘वर्चुअल कोर्ट’ में प्राप्त मामलों को स्क्रीन पर जुर्माना की स्वचालित गणना के साथ न्यायाधीश द्वारा देखा जा सकता है। जब एक बार समन जेनरेट होने और आरोपी को -मेलया एसएमएस पर जानकारी मिल जाने के बादआरोपी ‘वर्चुअल कोर्ट’ की वेबसाइट पर जा सकते हैं और अपने संबंधित केस का सीएनआर नंबर या अभियुक्त का नाम यायहां तक कि ड्राइविंग लाइसेंस नंबर इत्यादि देकर अपना केस सर्च कर सकते हैं।
यदि अभियुक्त ऑनलाइन दोषी पाया जाता हैंतो जुर्माना राशि प्रदर्शित होगी और अभियुक्त जुर्माना भरने के लिए आगे बढ़ सकता है। सफल भुगतान और जुर्मानाराशि की वसूली पर मामले का स्वतनिपटारा हो जाएगा। जब अभियुक्त दोषी नहीं हैतो ऐसे मामलों को नियमित न्यायालयों को संबंधित क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्चुअल कोर्ट’ नियमित अदालतों पर बोझ कम करेगा। निपटान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन घंटों में होगी। न्यायालयों में लोगों का आना काफी कम होगाक्योंकि अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए अदालत में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस अवसर पर ज्यूडिशि यल मेजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती प्रियंका जैन, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला लीगल सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती मोना, अधिवक्ता रविंद्र जैन भी उपस्थित थे।

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