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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट के विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 6 August 2019 0 comments
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फरीदाबाद, 6 अगस्त - विद्यार्थियों को अकादमिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करने उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा नये दाखिल हुए विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, हरियाणा के कुलपति तथा हरियाणा कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक श्री राज नेहरू मुख्य अतिथि रहे तथा विद्यार्थियों को संबोधित किया। सत्र की अध्यक्षता डीन इंस्टीट्यूशन्स डाॅ. संदीप ग्रोवर तथा कुलसचिव डाॅ. राज कुमार ने की। इस अवसर पर डीन मैनेजमेंट स्टडीज डाॅ. अरविंद गुप्ता तथा विभाग के अध्यक्ष डाॅ. आशुतोष निगम भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलन द्वारा हुआ। अपने मुख्य संबोधन में कुलपति श्री राज नेहरू ने प्रबंधन अध्ययन के संदर्भ में ‘पीएंडपीसी बैलेंस’ सिद्वांत पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में प्रभावशीलता ‘पी’ एंड ‘पीसी’ के बीच सं
तुलन में है। ‘पी’ से अभिप्राय वांछित परिणाम या उत्पादन से है, ‘पीसी’ से अभिप्राय परिणाम या उत्पादन प्राप्ति की क्षमता से है। उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्री प्राप्त करने के बजाय ज्ञान अर्जित करने की आवश्यकता बल दिया। विद्यार्थियों को अभिवन दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए श्री नेहरू ने कहा कि दुनिया और प्रौद्योगिकी संस्थानों में पढ़ाई जाने वाले शिक्षा या पाठ्यक्रमों की तुलना में तेजी से बदल रही है, इसलिए, विद्यार्थियों को तेजी से बदलते परिवेश में खुद को जागरूक रखने के साथ-साथ वह ज्ञान प्राप्त करने की जरूरत है जो समय की मांग है। उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है। विद्यार्थियों को खुद को रोजगार के लायक बनाना होगा।
दिलचस्प उदाहरणों तथा जीवन के प्रति दृष्टिकोण के आधार पर लोगों का वर्गीकरण करते हुए उन्होंने कहा कि हमें खुद को संभावना का लाभ उठाने वाला ऐसा व्यक्ति बनाना चाहिए जो प्रत्येक परिस्थिति में पूरी क्षमताओं के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता है। संभावनावादी व्यक्ति ऐसे आशावादी व्यक्ति की तुलना में बेहतर होता है जो आशावादी तो है लेकिन कोई प्रयास नहीं करता। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी कॉर्पोरेट जगत में आपके काम का मूल्यांकन आपके प्रदर्शन और क्षमताओं के आधार पर ही किया जाएगा। श्री नेहरू ने छात्रों को उनके शैक्षणिक वर्ष के लिए शुभकामनाएं दीं।
इससे पहले, डॉ. संदीप ग्रोवर और डॉ. अरविंद गुप्ता ने श्री नेहरू को सम्मान स्वरूप पौधा तथा स्मृत्ति चिह्न भेंट किया।
पहले दिन के दूसरे सत्र में आईआईटी, रुड़की के प्रबंधन विभाग में प्रोफेसर डाॅ. संतोष रंगनेकर ने ‘डिजाइन थिंकिंग’ पर व्याख्यान दिया और विद्यार्थियों को समस्याओं से निपटने के लिए बेहतर दृष्टिकोण अपनाने तथा कौशल विकास करने के लिए प्रेरित किया। 

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