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फरीदाबाद, 5 जुलाई। विभिन्न मांगों को लेकर सिविल अस्पताल बादशाह खान के बाहर धरना दे रही आशा वर्करों का धरना आज पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की वादाखिलाफी के विरोध में आशा वर्कर लगातार धरना प्रदर्शन कर रही है। आज के धरने की अध्यक्षता उपप्रधान सुशीला ने की, जबकि संचालन जिला सचिव सुधा पाल ने किया।
आज के धरने को सर्व कर्मचारी संघ के मुख्य संगठन सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, सह सचिव धर्मवीर वैष्णव, सीटू के जिला प्रधान निरन्तर पराशर, जिला सचिव लालबाबू शर्मा ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में वीरेंद्र सिंह डंगवाल राज्य सरकार पर आशा वर्करों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया उन्होंने बताया कि सबसे अधिक काम करने वाली कर्मियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता ह उन्होंने बताया कि गत वर्ष सरकार और आशा वर्करों के साथ उनकी मांगों को लेकर समझौते हुए लेकिन इन पर अमल नहीं हुआ। इसलिए आशा वर्करों को फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आशा वर्करों की मांगों को लागू नहीं किया गया तो आशा वर्कर निर्णायक आंदोलन करने पर मजबूर होगी। यूनियन सरकार की टालमटोल की नीति को बरदाश्त नहीं कर सकती, क्योंकि वर्करों को उनकी मेहनत के अनुसार मानदेय नहीं मिलता है। उन्होंने मिशन डायरेक्टर को नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। जिसमें 45 वे श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने, सभी आशा वर्कर को न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रतिमाह देने, सभी वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा जैसे ईएसआई और पीएफ प्रदान करने,ख् हर महीने की 10 तारीख से पहले प्रोत्साहन राशियों का पैसा खातों में जमा करने के साथ-साथ स्टेट और सेंटर की सभी प्रोत्साहन राशियों का भुगतान एक साथ करने, इसके अलावा सेल्फ अप्रेजल की बुक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाए और इसके अक्षरों का साइज थोड़ा बड़ा किया जाए ताकि रिपोर्ट लिखने में सुविधा हो सके।
यूनियन ने एनसीडी का पूरा सामान और उसकी गाइडलाइन देने की मांग भी की है। इसके अलावा सभी आशाओं के पास एनसीडी के रजिस्टर होने चाहिए, आशाओं को रजिस्टर फोटो कॉपी करवाने को कहा जाता है लेकिन फोटो कॉपी करने की राशि विभाग से नहीं मिलती है।
निरंतर पाराशर ने कहा कि सभी आशाओं को आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा बनाया जाए ताकि उन्हें भी अपने बच्चों का इलाज करने की सुविधा प्राप्त हो सके। इसके साथ-साथ ट्रेनिंग में खाने की गुणवत्ता तथा स्टेशनरी अच्छी प्रकार की प्रदान की जाए। ट्रेनिंग के लिए गाइडलाइन भी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने हरियाणा सरकार से एएमसी पर बढ़ाई गई राशि के लिए कंप्लीशन की शर्त को हटाने की मांग भी की। उन्होंने बताया कि विभाग कर्मचारियों से काम तो ज्यादा लेता है लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं तक नहीं देता है।
आज के धरने सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला सचिव लालबाबू शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ के सह सचिव धर्मवीर वैष्णव और सुशीला सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
आज के धरने को सर्व कर्मचारी संघ के मुख्य संगठन सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, सह सचिव धर्मवीर वैष्णव, सीटू के जिला प्रधान निरन्तर पराशर, जिला सचिव लालबाबू शर्मा ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में वीरेंद्र सिंह डंगवाल राज्य सरकार पर आशा वर्करों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया उन्होंने बताया कि सबसे अधिक काम करने वाली कर्मियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता ह उन्होंने बताया कि गत वर्ष सरकार और आशा वर्करों के साथ उनकी मांगों को लेकर समझौते हुए लेकिन इन पर अमल नहीं हुआ। इसलिए आशा वर्करों को फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि आशा वर्करों की मांगों को लागू नहीं किया गया तो आशा वर्कर निर्णायक आंदोलन करने पर मजबूर होगी। यूनियन सरकार की टालमटोल की नीति को बरदाश्त नहीं कर सकती, क्योंकि वर्करों को उनकी मेहनत के अनुसार मानदेय नहीं मिलता है। उन्होंने मिशन डायरेक्टर को नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। जिसमें 45 वे श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने, सभी आशा वर्कर को न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रतिमाह देने, सभी वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा जैसे ईएसआई और पीएफ प्रदान करने,ख् हर महीने की 10 तारीख से पहले प्रोत्साहन राशियों का पैसा खातों में जमा करने के साथ-साथ स्टेट और सेंटर की सभी प्रोत्साहन राशियों का भुगतान एक साथ करने, इसके अलावा सेल्फ अप्रेजल की बुक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाए और इसके अक्षरों का साइज थोड़ा बड़ा किया जाए ताकि रिपोर्ट लिखने में सुविधा हो सके।
यूनियन ने एनसीडी का पूरा सामान और उसकी गाइडलाइन देने की मांग भी की है। इसके अलावा सभी आशाओं के पास एनसीडी के रजिस्टर होने चाहिए, आशाओं को रजिस्टर फोटो कॉपी करवाने को कहा जाता है लेकिन फोटो कॉपी करने की राशि विभाग से नहीं मिलती है।
निरंतर पाराशर ने कहा कि सभी आशाओं को आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा बनाया जाए ताकि उन्हें भी अपने बच्चों का इलाज करने की सुविधा प्राप्त हो सके। इसके साथ-साथ ट्रेनिंग में खाने की गुणवत्ता तथा स्टेशनरी अच्छी प्रकार की प्रदान की जाए। ट्रेनिंग के लिए गाइडलाइन भी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने हरियाणा सरकार से एएमसी पर बढ़ाई गई राशि के लिए कंप्लीशन की शर्त को हटाने की मांग भी की। उन्होंने बताया कि विभाग कर्मचारियों से काम तो ज्यादा लेता है लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं तक नहीं देता है।
आज के धरने सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, जिला सचिव लालबाबू शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ के सह सचिव धर्मवीर वैष्णव और सुशीला सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
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